अच्छा एक बात बताइए वैसे तो आप खुद को ईमान वाला और सच्चा कहते हैं तो फिर आखिर सच का सामना करने से डर क्यों है? हो जाने दीजिए दूध का दूध और पानी का पानी उस सच को सामने आने दीजिए जिसे तलवारों के दम पर आपने जमाने से छुपा रखा है। मामला है काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का जिसमें कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद परिसर की पूरी तरह वीडियोग्राफी कराई जाए और सच सबको पता लगने दिया जाए, मगर कोर्ट का फरमान और वीडियोग्राफी की बात सुनते ही मस्जिद प्रबंधन समिति डर गई और उसने कहा है कि वह मस्जिद में किसी को घुसने नहीं देंगे।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में स्थानीय कोर्ट द्वारा मस्जिद का वीडियोग्राफी कराने के निर्णय का अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (प्रबंधन समिति) ने विरोध करने का निर्णय लिया है। बता दें कि स्थानीय कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ मस्जिद कमिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।

कोर्ट के आदेश पर नियुक्त अधिवक्ता कमिश्नर की देखरेख में यह वीडियोग्राफी 6 और 7 मई को ज्ञानवापी मस्जिद में होनी है। कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट 10 मई को देने के लिए कहा है। इस पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा, “हम वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए मस्जिद परिसर में किसी के प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे।” उन्होंने कहा कि वे परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं।

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