देश में मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों और सेक्युलर गैंग ने जिस तरह से मॉब लिंचिंग शब्द को लेकर प्रोपेगैंडा फैलाया है उससे साफ लगता है इससे सबसे ज्यादा पीड़ित वहीं हैं। इस बीच कांग्रेस शासित राजस्थान के झालावाड़ जिले में दिल दहला देने वाली मॉब लिंचिंग की घटना सामने आयी है. लेकिन इस लिंचिंग के मामले में हर ओर सन्नाटे के सिवा कुछ नहीं है,
21 साल के कृष्ण वाल्मीकि का कसूर सिर्फ इतना था कि वो एक सच्चा हिंदू था. गौ माता की सेवा करता था , सिर्फ इसलिए 6 मुस्लिम जिहादियों ने पीट-पीट कर उसे मार डाला, कृष्णा की मां ने KREATELY MEDIA को बताया कि आखिरी समय में वो न कुछ बोला पाया ना ही अपनों को देख पाया, मां ने बताया कि पति की मौत को पहले ही हो चुकी था, लेकिन बच्बे के सहारे किसी तरह से जिंदगी गुजार रही थी लेकिन अब वो बेटा भी नहीं रहा, मां प्रभा देवी कहती हैं कि हमें हैवानों के लिए फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.
इस मामले पर किसी भी टीवी चैनल पर कोई डिबेट नहीं, ना ही कोई अवार्ड वापसी गैंग सामने आया. दरअसल हिंदुओं के ख़िलाफ़ ये अपराध करने वाले जानते हैं कि उन्हें ‘सेकुलर मीडिया’ की आड़ हमेशा मिलती रहेगी। जिसमें आखिर में उन्हें निर्दोष साबित कर दिया जाएगा। भीम आर्मी जैसे दलित संगठनों की भूमिका से यह साफ हो चुका है कि वे भी अपने स्वार्थों के लिए दलितों का मसीहा बनने का दाव करते हैं. ये पहला मामला नहीं है . बीते कुछ समय में कई ऐसे मामले आए जब हिंदुओं की सरेआम लिंचिंग हुई। लेकिन, मीडिया ने खबर में केवल तबरेज और अखलाक को जगह दी। क्योंकि तब अपराधी हिंदू थे।
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