उत्तरी दिल्ली के आदर्श नगर इलाके में रह रहे 800 पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों की जिंदगी में सालों से अँधेरा है। पिछले कई सालों से यह लोग यहाँ पर अँधेरे में रहने को मजबूर हैं। वजह है झुग्गी में रह रहे इन 200 परिवारों के लिए बिजली का न होना। भारत में इनके होने की उम्मीद केंद्र की मोदी सरकार ही है। सालों से यह भारतीय नागरिक होने के सपने लिए बहुत ही बुरी हालात में जी रहें हैं। ये लौटना भी नहीं चाहते क्योंकि इनके लिए पाकिस्तान और भी बुरा है। ऐसे में अपने बिजली के सपने के लिए इन्होने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका डाली थी। जिस पर आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने ही 200 पाकिस्तानी हिंदू प्रवासी परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन की माँग वाली याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया है।
सरकारी नियमों के चंगुल में फँसे यह शरणार्थी पिछले महीने से इस उम्मीद में थे कि शायद उनकी यह दिवाली रौशन हो, लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में बताया गया है कि यह शरणार्थी कैंप दिल्ली जल बोर्ड की जमीन पर अवैध अतिक्रमण है। जो वर्तमान में डिफेन्स की जमीन है। जिससे इन्हें बिजली कनेक्शन की मंजूरी नहीं मिल सकती।
अदालत ने पिछले महीने ही दिल्ली सरकार और केंद्र को पाकिस्तान से पलायन करने वाले हिन्दू परिवारों के लिए राहत की माँग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था। जिस पर आज (22 अक्टूबर, 2021) केंद्र ने अदालत को बताया है कि अगस्त 2018 में 70.253 एकड़ भूमि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन को हस्तांतरित की गई थी और वह संबंधित जिला प्रशासन और पुलिस के साथ रक्षा भूमि पर अनधिकृत कब्जे और अतिक्रमण को हटाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
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