निःसंदेह सिर्फ़ सत्ता परिवर्तन क्योंकि उन क्रांतिकारी शहीदों ने जिन्होंने माँ भारती की अस्मिता बचाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उन्होंने माँ भारती के दो टुकड़ों की नहीं बल्कि अखंड भारत की कल्पना की थी पर तत्कालीन सत्ता लोलुप और भ्रष्ट नेताओं ने उन वीरों की शहादत और माँ भारती के सिसकते टुकड़ों की परवाह नहीं की और सत्ता के लिए भारत के दो टुकड़े कर दिए और एक झूठी आजादी थोप दी जिसका दंश आज तक हर रोज सीमावर्ती क्षेत्रों को झेलना पड़ता रहा है।

वो तो वर्तमान प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने देश की गरिमा की रक्षा के लिए न्योक्षावर उन शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए सार्थक प्रयास किया और आज फैसले दर फैसले भारत अपना वह खोया गौरव हासिल कर रहा है जिससे वह आजादी के बाद से आज तक वंचित रहा जबकि वह इसका हकदार था।

गुलामी का दंश झेल कर उठ खड़ा हुआ सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत तत्कालीन सरकारों की भ्रष्ट नीतियों से पार ना पा सका। शायद तभी आज भी इनके चुनावी मुद्दे भूख गरीबी बेरोजगारी से ही जुड़े होते हैं जबकि 70 सालों तक यह खुद सत्ता में रहे पर इन सब मुद्दों के निराकरण के लिए कुछ किया नहीं क्योंकि वह जानते थे कि जिस दिन देश की जनता जागरूक हो गयी उस दिन हमारा तिलिस्म टूट जायेगा और सत्ता हमारे हाथ से निकल जायेगी।

हमें तो हैरत होती है और अफसोस भी होता है कि उस समय क्या कोई इनके विपक्ष में नहीं था जो इनको रोक सकता था?

यह अगर सत्ता के लिए देश के बंटवारे पर उतर आये थे तो क्या कोई ऐसा नहीं था जो देशहित के लिए इनके विरोध में उतर आता। पर शायद वो सत्ता के लिए हर हद तक गुजर जाते थे, चाहे वह देश का बंटवारा हो, चाहे वह इमर्जेंसी हो, चाहे देश में अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थन करना हो वह विरोध करने वालों को चुप कराने के लिए हर हद पार कर सकते थे।

पर अब और नहीं!

अब भारत पुनः दुनिया का नेतृत्व करने की तरफ अग्रसर है पर कुछ लकीरें हैं जिन्हें मिटा कर भारत फिर अखंड भारत की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ रहा है जिसमें हमारी विविधता, हमारी संस्कृति और परंपराओं का समावेश है

जय हिंद जय भारत

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