उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने जितिन प्रसाद को अपने खेमे में लाकर बड़ी सफलता पाई है। जितिन प्रसाद जिस राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि से आते हैं उस परिवार को उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोटों का चेहरा माना जाता है और जितिन प्रसाद के परिवार की यूपी के ब्राह्मण मतदाताओं में पैठ है। विकास दुबे एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्ष जनता के बीच यह बात फैलाने में काफी हद तक कामयाब रहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ब्राह्मणों को तरजीह नहीं देती है। अभी हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में भी बीजेपी को खास सफलता हाथ नहीं लगी है ऐसे में अपनी सोशल इंजीनियरिंग की टूल किट को कामयाब करने के लिए बीजेपी ने जितिन प्रसाद को अपना हाथ पकड़ाया है।

जितिन प्रसाद का जाना कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान है, बीजेपी तो जिसे भी लाएगी फायदा ही है। बीजेपी यूपी में अपना सोशल इंजीनियरिंग गठबंधन को बढ़ाने में लगी है और जितिन के रूप में एक तरह से ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने का अवसर मिला है। योगी सरकार पर ब्राह्मणों की अनदेखी के जो आरोप। ।। लग रहे थे उसे काउंटर करने की कोशिश भी है।


बीजेपी से जुड़ने से पहले पिछले साल जितिन प्रसाद ने ब्राह्मण चेतना परिषद नाम से संगठन बनाया था। जितिन ने वीडियो के जरिए जिले वार ब्राह्मण समाज के लोगों से संवाद किया और ब्राह्मण परिवारों से मुलाकात भी की थी।

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