सार्वजनिक जीवन में जब सामने किसी महिला के पड़ने और हार जाने की कायर आशंका से ग्रस्त होकर कोई व्यक्ति पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर भाषाई तौर पर कितना अधिक मर्यादाहीन हो सकता है | ये इन दिनों भारतीय राजीनति में बहुत ही आसानी से देखा सुना जा सकता है |

कभी कोई मानसिक रूप से दिवालिया राजनेता और तो प्रदेश सरकार द्वारा घोषित भूमाफिया आजम खान अपनी साथी महिला राजनेता पर सरे आम अभद्र टिप्पणी कर देता है तो कभी , उदित राज सरीखे कई खोलों में छिपे बैठे लोग सरे आम किसी महिला के साथ छेड़खानी करते हैं |

और अब , कांग्रेस के प्यारे दुलारे मगर फिलहाल दुत्कारे लोटस नाथ जी जब भी माईक पर जाते हैं अलाय बलाय ही निकलता है मुंह से | घर आने के बाद जब खुद का मुंह आईने में देख कर समझ आता है कि किसके लिए क्या कह कह आए हैं तब तक बंटाधार हो चुका होता है |

राजीनति में ही दिन रात धींगा मुश्ती करने वाले इन तमाम वीर पुरुषों को अब ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि ,अब किसी का झूठ और किसी का सच दबाया या छिपाया नहीं जा सकता | देर सवेर वो कहीं न कहीं से बाहर आ ही जाता है |

सोच कर देखिये कि इस पार्टी की कथनी और करनी में क्या फर्क है , एक भैया जी सड़क पर लुढ़क लुढ़क कर न्याय दिलवा रहे थे और दूसरे का हाल सामने है | क्या लगता है आपको , कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता भी क्या ये नहीं देख पा रहे हैं कि किस तरह से सिर्फ और सिर्फ राहुल गाँधी को ही कांग्रेस का चेहरा बने रहने देने के लिए , राहुल से कहीं अधिक प्रखर और मेधावी राजनेता प्रियंका वाढरा को कांग्रेस की कमान संभालने से रोका जा रहा है |

कांग्रेस और उसके तमाम छोटे बड़े राजनेताओं को अब ऐसे ही सत्ता से बाहर बैठ कर अपनी खीज उतारने के लिए अलग अलग तरह के प्रयोगों पर हाथ आजमाना होगा और यही उनकी टुच्चई को सूट भी करता है | लेकिन साथ ही साथ उन्हें ये भी याद रखना चाहिए कि इस देश ने उन्हें आधी शताब्दी से अधिक तक सा समय पहले ही दिया हुआ है उसमें जब वे कुछ नहीं कर पाए तो आगे क्या ख़ाक कर लेंगे सबको पता है |

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