इस बार का लोकसभा का मानसून सत्र भले ही हंगामा और अविश्वास प्रस्ताव की भेंट चढ़ गया हो परंतु यह सत्र भारत के कानून में हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि इसी सत्र में भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 पेश किया जो भारतीय दंड संहिता 1860 अंग्रेजों के समय बना कानून की जगह लगा। यह भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता एवं वचन को दोहराता है कि अंग्रेजो के समय के बने हुए कानून को बदलकर हम अपने भारतीय कानून लायेंगे।
उन्होंने आईपीसी, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए और कहा कि आगामी 15 अगस्त को आजादी का अमृत महोत्सव समाप्त होगा और 16 अगस्त से आजादी की 100 वर्ष की यात्रा की शुरुआत के साथ अमृत काल का आरंभ होगा।
भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 में Fake News के लिए खास प्रावधान किया गया है। नए बिल के मुताबिक अब फर्जी खबरें फैलाने वालों को तीन साल की जेल जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। इस विधेयक में धारा 195 के तहत भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली ‘फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी’ फैलाने वालों को तीन साल तक की कैद की सजा देने का प्रावधान है।
दंगों एवं धार्मिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिए इस कानून में नए प्रावधानों की व्यवस्था की गई है।यह अनुभाग नए प्रस्तावित बिल के अध्याय 11 के तहत ‘सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों’ के तहत ‘राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोपों, दावों’ के तहत शामिल है। ‘राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप, दावे’ से संबंधित प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी के तहत थी।
भारतीय न्याय संहिता में कुछ पुराने कानूनों के नाम तक बदल करके नए रखे गए हैं ताकि अंग्रेजों के समय दी गई इन गुलाम कानून को बदलकर इसे पूरी तरह से भारतीय दंड संहिता के अनुसार नया बनाया जाए।
अपराध। पहले अब
हत्या धारा-302 101
धोखाधड़ी धारा-420 धारा-316
भीड़भाड़-हंगामा। धारा-144 धारा-187
देश के खिलाफ षड्यंत्र धारा-121 धारा-145
देश के खिलाफ गतिविधिया धारा-121ए धारा-146
मानहानि धारा- 499 धारा-354
रेप 376 धारा-63 में रेप, 64 में सजा, गैंगरेप 70 में
मानहानि सेक्शन 499 और 500 धारा-354
धरना प्रदर्शन या दंगा-फसाद 147,148,149 नया सेक्शन
निषेधाज्ञा के उल्लंघन पर सेक्शन 188 नया सेक्शन
राजद्रोह कानून धारा- 124 ए धारा-150
भारतीय न्याय संहिता IPC को रिप्लेस करेगी। इसमें पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होंगी। 175 धाराओं में बदलाव किया गया है, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है।
साथी साथ गृह मंत्री अमित शाह जी के अनुसार कानून को डिजिटल बनाने की कोशिश की गई है अब वीडियो ईमेल एसएमएस व्हाट्सएप को भी सबूत के तौर पर मान्यता दी गई है एवं सारे सेक्शंस फिर से लेकर कानूनी प्रक्रिया तक को डिजिटल ट्रैकिंग के माध्यम से ट्रैक करने की कोशिश की भी बात कही गई।
बहुत सारे लोगों के मन में सवाल है की अध्याय 11 के कानून के हिंदुओं के खिलाफ में इस्तेमाल हो जाए, कई बार ऐसा होता है कि इस्लामोफोबिया के नाम पर कई लोग हिंदुओं पर कैसे कर देते हैं ,जिसका कई बार बेकसूर हिंदुओं को तकलीफ उठाना पड़ता है परंतु देखने पर पता चलता है कि यह कानून पूरी तरह से न्यूट्रल है और यह दोनों पक्षों पर लागू होता है, परंतु इसमें सरकार की मजबूरियां भी हैं क्योंकि भारत सरकार धर्मनिरपेक्ष भाव को मानती है और “सबका विकास सबका साथ” पर यकीन रखती है।
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