कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद की चिंगारी धीरे-धीरे देश के कई जगहों में फैलती जा रही है. जिसने भी हिजाब के विरोध में कुछ भी बोला, या कुछ भी लिखा तो कुछ ही दिन बात उसकी हत्या की खबर आती है. कर्नाटक के शिवमोगा जिले में मात्र 23 साल के युवक को सिर्फ इसलिए बड़ी ही बेरहमी से मार डाला गया क्योंकि उसने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में हिजाब का विरोध करते हुए भगवा शाल वाली फोटो लगा दी थी.

23 साल के हर्षा बजरंग दल के कार्यकर्ता भी थे, उनका अपराध केवल बस इतना था कि वो एक सच्चे हिंदू थे, धर्म के रक्षक थे, जिन्होंने कर्नाटक में जिहादी मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत की थी।

वैसे शायद हमें हर दिन ऐसी खबरों की आदत सी हो गई है, क्योंकि पहले गुजरात के किशन भरवाड़, फिर झारखंड के रूपेश पांडेय, हर दिन एक एक करके हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है उन्हें चुन चुन कर मारा जा रहा है. इसके बाद हम सब अपने-अपने घरों में बैठे बड़े-बड़े #हैशटैग चलाते हैं, और न्याय का इंतजार तब तक करते रहते हैं, जब तक किसी दूसरे रुपेश या हर्षा की हत्या की खबर ना सामने आ जाए.

आज किसी भी चैनल पर एंकर के चिल्लाने की आवाज नहीं आ रही है, मोमबत्ती गैंग वालों की कोई खबर नहीं. वहीं अभी तक रुपेश और किशन के परिवार वालों के आंखों के आंसू थमें भी नही कि एक और हिंदू बेटे की हत्या. सिर्फ सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालने से कुछ नहीं होगा, आज पूरे देश में इस तरह से सुनियोजित हत्याएं हो रही है ,अगर अब भी हिंदू नही जागा तो कल अगला नंबर हम में से ही किसी का हो सकता है।

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