विधेयक के मुताबिक कश्मीरी पंडितों को मूल निवासी घोषित करने की बात शुरू हो। जो लोग वहां पर एडाप्शन से गए हैं, बायलॉजिकल से गए हैं, उनको भी मूल निवासी बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा सरकार और भी अपने हिसाब से नियम जोड़ सकती है।
विधेयक के मुताबिक कश्मीरी पंडितों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाना चाहिए। कश्मीरी पंडितों के साथ जो भी घटना हुई है, उन्हें पीड़ित माना जाए।
-सुप्रीम कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस की अगुवाई में जांच आयोग बनाने की बात
-कश्मीरी पंडितों को घर बनाने के लिए जमीन और पैसा दिया जाए
-कश्मीरी पंडितों को मासिक पेंशन प्रति सदस्य पांच हजार रुपए
-एक परिवार को अधिकतम 20 हजार रुपए तक ही मिले पेंशन
-सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स बने, प्रति परिवार एक बंदूक का लाइसेंस भी मिले
-दस हजार कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी तुरंत दी जाए
-बिल में कश्मीरी पंडितों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक पुर्नवास की बात
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