दिल्ली में द्वारका इलाके में अरविंद केजरीवाल सरकार आलीशान हज हाउस बनवाने जा रही है । हज हाउस का विरोध वहां की लोकल जनता कर रही हैं, द्वारका की लोकल जनता की मांग है कि वहां पर सरकार हज हाउस ना बनवाएं। जनता की राय लेकर काम करने की नौटंकी करने वाले , मन्दिर की जगह अस्पताल का भौंडा नाच नाचने वाले हज हाउस बनाने पर अड़े हैं। द्वारका की स्थानीय जनता कह रही है कि यहाँ बनाना हैं तो अस्पताल या कालेज बनाइये मगर हज हाउस मत बनाइए।


दरअसल पालम एयरपोर्ट इसके करीब है, आईजीआई एयरपोर्ट ज्यादा दूर नहीं है। बहुत भीड़ है। मेवात और अन्य क्षेत्रों से बसें आने पर कितनी भीड़ होगी? हज हाउस का विरोध करने वाले संगठन कह रहे हैं कि इससे धार्मिक सद्भावना को नुकसान पहुंचेगा। VHP का कहना है कि विरोध के बावजूद केजरीवाल सरकार नहीं मानी, विरोध का कोई जवाब भी नहीं दिया। विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की है कि किसी भी हालत में वहां हज हाउस नहीं बनने दिया जाएगा, लोग एक-एक ईंट निकाल देंगे।

अब ऐसे में जनता की राय लेकर काम करने की बात कहने वाले अरविंद केजरीवाल को सोचना चाहिए कि क्या करोड़ों रुपए का हज हाउस बनवाने से पहले केजरीवाल ने दिल्ली की जनता की राय ली या नहीं? जब राम मंदिर की बात होती थी तो कहा जाता था कि वहां पर अस्पताल या स्कूल बनवा दीजिए जबकि वह तो भगवान राम की जन्म स्थली है मगर अब दिल्ली में करोड़ों रुपए की लागत से हज हाउस क्यों बनवाया जा रहा है।

अगर यह हज हाउस बनता है तो इसमें देश भर की जमात में घूम रहे लाखों बांग्लादेशी, ईरानी, पाकिस्तानी और अन्य मुल्कों के मुसलमान ठहरा करेंगे जिससे पास में मौजूद पालम एयरपोर्ट को सुरक्षा के मद्देनजर खतरा नहीं पैदा होगा? इसके अलावा द्वारका इलाके में हजारों बसों की संख्या बढ़ जाएगी और इलाके में अनावश्यक तौर पर भीड़ भी बढ़ जाएगी जिसके कारण स्थानीय जनता इसका विरोध कर रही है।

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