दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली की क्या हालत कर दी है ये किसी से छिपी नहीं है, फ्री के चक्कर में दिल्ली की जनता के साथ उन्होंने जो छलावा किया है उससे दिल्ली की जनता हर दिन जूझ रही है. एक समय था, जब कांग्रेस कुछ इसी तरह से सत्ता में आती थी , लेकिन सरकार बनने के बाद उन वादों का नामोनिशान तक नहीं होता. केजरीवाल इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं या यूं कहे कि वो तो कांग्रेस से भी दो कदम आगे निकल चुके हैं. उन्होंने वादों को बदलकर फ़्री का टैग लगा दिया.
केजरीवाल ने फ्री के चक्कर में पहले दिल्ली का बंटाधार किया और अब वो पंजाब की जनता को फ्री का झांसा देकर वोट बटोरने की जुगत में हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल ने रैलियों में वादा किया कि अगर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीतती है तो वे पंजाब के हर घर में 300 यूनिट फ्री बिजली देंगे और हर महिला को एक-एक हजार रुपए देने की भी घोषणा की थी. केजरीवाल ने ये भी कहा था कि ‘पंजाब में हमारी सरकार बनने के बाद पंजाब सरकार के किसी भी दफ्तर में मुख्यमंत्री या किसी भी नेता की तस्वीर नहीं लगाई जाएगी,दफ्तरों में सिर्फ बाबा साहेब आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर लगाई जाएगी।’
वैसे दैखा जाए तो केजरीवाल सिर्फ बातों के ही धनी है, अब चुनाव है तो वादे तो करेंगे ही भले ही उन वादों को वो पूरा करे या न करे , दिल्ली में भी तो उन्होंने ऐसा ही किया था . चुनाव खत्म होने के बाद कौन जनता , कौन से वादे, किसे याद रहते हैं ये सब.
दरअसल दिल्ली में फ्री वाई-फाई से लेकर फ्री बस सेवा होते ही जनता आम आदमी पार्टी की और खींची चली आई। लेकिन इसके साथ ही सच ये भी है कि इस ‘फ्री’ ने दिल्ली को बहुत पीछे धकेल दिया है. दिल्ली की सड़क, स्वास्थ्य व्यवस्था , शिक्षा व्यवस्था, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की हालत चरमरा गई है।
ऐसे में अगर केजरीवाल पंजाब या गोवा जैसे राज्यों में सत्ता में आते हैं तो यह परिणाम देश की राजनैतिक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाएगा। फ्री की आदत वैसे भी बहुत हानिकारक है अगर एक बार इसकी लत लग जाए तो जल्दी इसके चंगुल से आप बाहर नहीं निकल सकते। वैसे जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब की जनता को फ्री का लॉलीपॉप दिखा कर सत्ता हासिल करने के जुगत में हैं वो राह इतनी भी आसान नहीं है, क्योंकि दिल्ली को फ्री के चक्कर में फंसाने का नतीजा देश ने देख लिया है ।
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