मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को फटकार लगाते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार पूजा-पाठ का हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सूर्य नमस्कार विशुद्ध रूप से योग है, इसमें कहीं भी धार्मिक उपासना नहीं है. इसके साथ ही कांग्रेस विधायक मसूद के इस तर्क को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया कि इससे उनके धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं.

हाईकोर्ट ने आरिफ मसूद से सूर्य नमस्कार को सूर्य उपासना या एक्सरसाइज कहने को लेकर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस पीके कौरव की डिवीजन बेंच ने ये टिप्पणियां की हैं. डिवीजन बेंच ने भोपाल के विधायक आरिफ मसूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार करने के लिए किसी के लिए कहां लिखा है कि कोई बाध्यता है.

दरअसल भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 1 जनवरी से 7 फरवरी तक सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में आयोजित होने वाले सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का विरोध करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मसूद ने ये भी कहा है, “सूर्य नमस्कार को सूर्य पूजा माना जाता है। सूरज की पूजा करना इस्लाम के खिलाफ है। संविधान हमें सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी विशेष धर्म की शिक्षा या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं देता है।” इस मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी ।

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