केरल के पदम्मनाभ मन्दिर में शाकाहारी रहस्मयी मगरमच्छ ‘बबिया’ को अंतिम श्रद्धांजलि देने हजारों भक्त उमड़े। बबिया का अंतिम संस्कार सनातन रीति से किया गया। आम तौर पर बबिया मंदिर के निवेद्यम ही खाते थे। मंदिर एक सरोवर से घिरा हुआ है और इसी सरोवर में बबिया नजर आ रही थी। ऐसा कहा जाता है कि, जब मुख्य पुजारी रात में मंदिर को बंद कर देते थे, तो बबिया झील से बाहर आ जाता और मंदिर के सामने विश्राम करता था। भोर को जब प्रधान याजक आता, तो वह फिर जल में चला जाता। कभी-कभी यह मंदिर के पास के तालाब में भी चली जाती थी।

रविवार रात करीब 10 बजे मंदिर के पास झील के दक्षिण किनारे पर मगरमच्छ मृत पाया गया। कई दशकों से, मंदिर के पास की झील में केवल भक्तों और मंदिर के अधिकारियों द्वारा दिया गया शाकाहारी भोजन खाने वाले मगरमच्छ की उपस्थिति केरल और कर्नाटक के कई भक्तों को आकर्षित कर रही थी। कभी-कभी मंदिर के उत्तरी किनारे पर एक छोटे से तालाब में बबिया को देखा जा सकता था।

मन्दिर में आने वाले भक्त ‘पानी में ईश्वरीय उपस्थिति’ को देखने के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते थे। जब वे मगरमच्छ को नहीं देखते थे, तो वे चिल्लाते थे, “बाबिया, आओ, यह भोजन हमसे ले लो”। मंदिर के प्रबंधक लक्ष्मण हेब्बर (63) ने बयान जारी कर कहा है कि, “मैं यहां तीन दशक से अधिक समय से हूं और ऐसी घटना के बारे में नहीं सुना है जिसमें मगरमच्छ हिंसक हो गया हो।”

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