पटना के खान सर का जिहादी एजेंडा इससे पहले भी जाहिर होता रहा है मगर अब उन्होंने विक्टिम कार्ड अपने हाथों में लेकर एक नए एजेंडे को चलाना शुरु कर दिया है। यह वही घिसा पिटा एजेंडा है जिसमें कहा जाता है कि देश में मुसलमानों को लेकर एक पूर्वाग्रह मौजूद है जिसके चलते उन्हें सड़क पर चलने नहीं दिया जाता है उन्हें मकान नहीं मिलते हैं, उन्हें सब्जी नहीं मिलती है, उन्हें दूध नहीं मिलता है। 


इससे पहले भी किसान आंदोलन के वक्त इन्हीं खान सर ने पुलिस ने गोली चलाई नामक झूठ बोला था और उस झूठ को इन्होंने अपनी सोशल मीडिया पर प्रसारित किया था जबकि पुलिस ने पूरे किसान आंदोलन में एक भी गोली नहीं चलाई थी। इस बार उन्होंने एक नया वीडियो अपलोड किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि पटना में ये मकान किराए पर लेने गए मकान मालिक ने सारा सामान रखा मगर जैसे ही आधार कार्ड देखा वैसे ही उन्होंने इन्हें मुसलमान कहकर वहां से निकाल दिया। यानी मकान मालिक ने इनका बिना नाम पूछे इन्हें अपना घर पहले किराए पर दे दिया, इनको किराया बता दिया.. इनसे सारा सामान भी मंगवा लिया और जब फिर आधार कार्ड देखा जिसमें इनका नाम था वैसे ही मकान मालिक को कट्टर जिहादी ज्ञान याद आया और उन्होंने इन मासूम जनाब को मकान देने से मना कर दिया।


सस्ती बी ग्रेड फिल्मों जैसी स्क्रिप्ट लिखकर खान सर यह साबित करना चाहते हैं कि इस देश में मुसलमानों के साथ उनके मजहब के नाम पर भेदभाव किया जाता है जबकि कल ही संसद में गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हिंदुस्तान का मुसलमान होने पर उन्हें गर्व है और इस मुल्क में मुसलमानों को जितनी आजादी मिली है उतनी किसी और मुल्क में नहीं मिल सकती हैं। 

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