जानिए महमूद गजनवी की दर्दनाक मौत की दास्ता.. जिसने भारत को 17 बार लुटा था

गजनी का महमूद, जिसे गजनी का महमूद (2 नवंबर 971 सीई – 30 अप्रैल 1030 सीई) भी कहा जाता है, महमूद-ए-जबूली, एक प्रतिष्ठित गजनवी शासक बन गया, जो 997 से 1030 में अपनी मृत्यु तक शासन करता था। महमूद गजनवी शासक में बदल गया। गजनी का जो ९७१ से १०३० ई. वह सुबक्तगिन के पुत्र बने। भारत की संपत्ति का उपयोग करके आकर्षित होकर, गजनवी ने कई बार भारत पर हमला किया। वास्तव में गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। उसके हमले का मुख्य कारण भारत की संपत्ति को लूटना बन गया।
जानिए अपने Adhunik Bharat Ka Itihas – गुलामी से लेकर आजादी की कहानी
महमूद गजनवी गजनी के शासक में बदल गया जिसने 971 से 1030 ईस्वी तक शासन किया। वह सुबक्तगिन का पुत्र बन गया। भारत की संपत्ति से आकर्षित होकर, गजनवी ने कई बार भारत पर हमला किया। वास्तव में गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। उसके हमले का मुख्य कारण भारत की संपत्ति को लूटना बन गया। इसने अब तक के भारत के इतिहास ( Bharat Ka Itihas )में सबसे अधिक आक्रमण किये।
एक हजार ईस्वी में महमूद गजनी के आक्रमण: महमूद गजनी ने एक हजार ईस्वी में सबसे पहले वर्तमान अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर हमला किया। उन्होंने हिंदू शासक जय पाल को हराया, जिन्होंने बाद में आत्महत्या कर ली और उनके पुत्र आनंदपाल ने उनका उत्तराधिकारी बना लिया।
वह भारत के उल्लेखनीय धन के माध्यम से आकर्षित में बदल गया। इसलिए उसने एक के बाद एक भारत पर हमला बोला। इसने भारत पर आक्रमण के दौरान एक आध्यात्मिक माप भी जोड़ा। गजनी सोमनाथ, कांगड़ा, मथुरा और ज्वालामुखी के मंदिरों को नष्ट करके “आइडल टॉड” के रूप में नाम कमाना चाहता था।
हालांकि भारत पर गजनवी के आक्रमणों का कोई गहरा राजनीतिक प्रभाव नहीं है। इन आक्रमणों ने राजपूत राजाओं की युद्ध तकनीकों की कमियों को उजागर किया। इससे आगे पता चला कि भारत में कोई राजनीतिक एकरूपता नहीं रही है और इस मुद्दे को नियति में और अधिक हमले के लिए जाना जाता है।
जानिए महमूद गजनवी की दर्दनाक मौत की दास्ता
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