महाराष्ट्र में जिस तरह के सियासी समीकरण बन रहे हैं उसे देखकर लगने लगा है कि महाराष्ट्र में जल्द ही ‘खेला’ होगा. इस बात की काफी हद तक संभावना जतायी जा रही है बीजेपी उद्धव सरकार को गिरा देगी और सरकार बनाने की पूरी कोशिश करेगी. दरअसल जिस तरह की तस्वीर सामने आ रही है वो इसी तरफ इशारा कर रही है. क्योंकि एक तरफ शिंदे लगातार शिकंजा कसते जा रहे हैं, दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे मानो हार मानते जा रहे हैं . इसी कड़ी में बुधवार की रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ को छोड़कर परिवार के निजी बंगले ‘मातोश्री’ चले गए।
#WATCH मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के वर्षा बंगले से सामान बाहर निकाला जा रहा है। #MaharashtraPolitics pic.twitter.com/whDJRhzOok
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2022
वहीं इससे पहले बुधवार शाम Facebook Live के दौरान उद्धव ठाकरे ने अपने बागी विधायकों को वापस लाने के लिए एक नया ऑफर देते हुए कहा कि वो CM पद से हटने के लिए तैयार हैं लेकिन वो चाहते हैं कि नया मुख्यमंत्री कोई शिवसैनिक ही हो. जिसके मायने निकाले जा रहे हैं कि वो एकनाथ शिंदे को ये ऑफर दे रहे हैं कि अगर वो वापस आ जाएंगे तो उद्धव ठाकरे उन्हें महाराष्ट्र का नया CM बना देंगे.
लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल लाने वाले एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से दो कदम आगे निकलते हुए उनके सामने अपनी शर्त रख कर फंसा दिया है कि सभी बागी विधायक वापस आने को तैयार हैं, लेकिन हमारी शर्त है कि शिवसेना कांग्रेस और NCP के साथ अपने रिश्ते तोड़ ले. अब सियासी गुणा-गणित ये है कि उद्धव ठाकरे के पास शिवसेना के 55 में से सिर्फ 16 विधायक ही बचे हैं और बाकी सभी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं.
शिवसेना के 4 और विधायक दीपक केसरकर, सदा सरवणकर, आशीष जैसवाल और मंगेश गुवाहाटी पहुंचे @News18India pic.twitter.com/Ge1wARnpnW
— यतेन्द्र शर्मा @YatendraMedia (@YatendraMedia) June 23, 2022
मीडिया में भले ही इधर सवाल-जवाब चल रहे हों लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। यानी महाराष्ट्र में इस समय राजनीति का सबसे रोचक मैच खेला जा रहा है. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. शिवसेना के विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ते जा रहे हैं और एकनाथ शिंदे के साथ जुड़ते जा रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र में पैदा हुए राजनीतिक संकट के बाद बैठकों का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में आज गुरुवार को महाविकास अघाडी के तीनों दलों के नेताओं की बैठक होगी जिसमें उम्मीद है कि कुछ बड़े फैसले लिये जा सकते हैं.
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