पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन में हर दिन हिंसा की खबरें सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक में सुर्खियां बनी रहती है. अगर ममता बनर्जी के नये बंगाल को आतंकवाद का नया लॉन्च पैड कहा जाए तो ये गलत नहीं होगा. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब इसकी जद में स्कूल भी आ गए हैं जहां छोटे बच्चे पढ़ाई करते हैं.

दरअसल 24 परगना जिले के टीटागढ़ के साउथ स्टेशन रोड स्थित फ्री इंडिया हाई स्कूल में शनिवार को पढ़ाई चल रही थी और उसी दौरान स्कूल की इमारत की छत पर बम विस्फोट की घटना हुई. इस विस्फोट से स्कूल की छत का एक हिस्सा उड़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल की छत पर बम के टुकड़े बिखरे हुए थे। गनीमत रही की इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.

इस मामले को NCPCR ने बड़ी गंभीरता से लिया है. NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि बुधवार (21 सितंबर) को वे टीटागढ़ जाकर बच्चों से मुलाकात करेंगे और घटना की जांच करेंगे.

हालांकि इस मामले में पुलिस ने चारों उपद्रवी तत्वों मोहम्मद आर्यन, मोहम्मद रेहान, सादिक़ और बबलू को गिरफ्तार कर लिया है. सभी की उम्र 18 से 19 साल बताई जा रही है. बता दें आपको जिस स्कूल पर इन लोगों ने हमला किया था उसमें 1300 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे.

इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि स्कूल में घटी ये घटना इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि ‘पश्चिम बंगाल में स्कूली छात्र भी सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते.’ घोष ने दावा किया, ‘तृणमूल कांग्रेस (TMC) के शासन में राज्य में शिक्षा के क्षेत्र ने अपनी अंतिम यात्रा शुरू कर दी है… युवा पिस्तौल और बम लेकर घूम रहे हैं… क्योंकि पश्चिम बंगाल में कोई रोजगार नहीं है.’’

वहीं पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पूरे मामले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र तक लिख दिया है। शुभेंदु अधिकारी ने बम विस्फोट मामले की एनआईए जांच की मांग की है।

देखा जाए तो बंगाल में जब से ममता बनर्जी सत्ता में आई हैं एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा जहां हिंसा, विस्फोट की तस्वीरें सामने ना आयी हो. बावजूद इसके राज्य की सीएम होने के बजाय राज्य में शांति-व्यवस्था कायम करने के बजाय वो हर बार पीएम मोदी और बीजेपी पर हमला करने में ज्यादा समय लगाती हैं.

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