आज हम भारतीय राजनीति को ईंधन देने वाले उस SympathyCard का विश्लेषण करेंगे जिसका पश्चिम बंगाल के चुनाव में काफी इस्तेमाल हो रहा है. पश्चिम बंगाल में 10 मार्च को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमलें का आरोप लगाया और पिछले 24 घंटे में परिस्थितियां दिन और रात की तरह बदल चुकी है. अब ममता बनर्जी 13 मार्च से राज्य में व्हील चेयर पर चुनाव प्रचार की फ़िर से शुरवात करगी. यानी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विज्ञान के उस सिद्धांत पर काम शुरू हो गया है, जिसमें लोगों की सहानुभूति बटोर कर चुनाव के नतीजे बदल दिए जाते हैं और नेताओं के रीपोर्ट कार्ड पर Sympathy Card हावी हो जाता है. पश्चिम बंगाल में कुछ ऐसा ही हो रहा है.
“कथित हमले की सच्चाई क्या है”
जब ममता बनर्जी नंदीग्राम में रोड़ शो निकाल रही थी. तब सड़क के दोनों तरफ काफी भीड़ थी और इस भीड़ को संभालने के लिए भारी पुलिस बल भी मोजूद था अगर आप इस घटना से पहले का विडियो देखेंगे तो आपको समझ आजगा की ममता बनर्जी अपनी गाड़ी में डाराइवर के साथ वाली सीट पर बैठी थी और गाड़ी के दरवाजे बंद थे. जब उनका काफिला थोड़ा और आगे बढ़ा तो ममता बनर्जी ने अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए गाड़ी का दरवाजा खोला और वो फुट स्टेप पर पैर रख कर खड़ी हो गई इस दौरान उन्होंने दोनों हाथों को जोड़कर लोगों का धन्यवाद दिया बड़ी बात ये कि तब भी गाड़ी धीरे धीरे चल रही थी ममता बनर्जी इस तरह खड़े होने से संतुलन नहीं बना पा रही थी और शायद यही वजह है कि उन्होंने सहारा लेने के लिए अपना बायां हाथ कार की विंडो की तरफ़ से पकड़ने की कोशिश की. यानी ममता बनर्जी जिस तरह से गाड़ी के दरवाजे पर खड़ी हुई थी, उस स्थिति में उसको चोट लगना संभावित है

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