गुलफाम हसन की स्क्रिप्ट हमेशा पाकिस्तान से आया करती है और आज जब ऐसे बयान दिए जाते हैं तो उनके इन बयानों को सबसे ज्यादा पाकिस्तान में सराहा जाता है। यह लोग सिर्फ एक आंख के सेक्युलर हैं इनके लिए औरंगजेब बहुत महान है वह मुगल जिन्होंने मंदिरों को तोड़ा यहां के लोगों को लूटा जो तलवार लेकर आए जो आक्रांता थे यह उनके लिए रिफ्यूजी हैं आजकल इसी सेक्यूलर मंडी के लिए हिंदू बोको हराम का रूप है जय श्री राम युद्ध घोष है।
यह सब विकृत सेकुलरिज्म की स्क्रिप्ट पढ़ने वाले पाकिस्तान के योद्धा हैं, गृह युद्ध की स्थिति और डर का माहौल तब नहीं लगा जब मुंबई में बड़े दंगे हुए थे उस समय मुंबई में कांग्रेस की सरकार थी जब कांग्रेस की सरकार होते हुए 1984 में सिखों का नरसंहार हुआ जब भागलपुर हाशिमपुरा अहमदाबाद तमाम दंगे हुए इससे अधिक उसमें हजारों की तादाद में मुसलमानों को मारा गया तब उनको डर का माहौल नहीं दिखा इन लोगों ने तब राष्ट्रीय पुरस्कार लिए तब क्यों सो रहे थे।
अगर यह डरे हुए होते तो डरा हुआ वह होता है जो प्लेन के पहिए से लटक लटक कर अपने देश से भागने का प्रयत्न करता है एक तरफ तो यह भड़काऊ बुद्धिजीवी कहते हैं कि सीएए कानून जो पारित किया जा रहा है उसमें पाकिस्तान अफगानिस्तान के मुसलमानों को भी जगह मिले और दूसरी तरफ यह लोग कहते हैं कि भारत में मुसलमान डरा हुआ है अगर ऐसा है तो सीएए कानून में बदलाव की बात यह लोग क्यों करते हैं।

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