सुशांत सिंह राजपूत ( हालांकि राजपूत उन्होंने हटा दिया था अपने नाम से, उसपे फिर कभी बात करेंगे।) के केस में  सोशल मीडिया पे ज़बरदस्त दबाव बनाया गया, कंगना रानाउत और अर्णब गोस्वामी ने मामले को दबाने नही दिया। कई प्रसिद्ध लोग और आम जनता ने मामले में इंसाफ की जंग जारी रखी। 

फिर अचानक मुद्दे को मराठी अस्मिता से जोड़ दिया गया, शिवसेना और महाराष्ट्र की राजनीति में मराठी अस्मिता का मुद्दा हमेशा प्रबल और कारगर साबित होता आया है।

पहले प्रवर्तन निदेशालय ने ड्रग संबंधी जानकारी जुटाई , मामले में नारकोटिक्स विभाग को शामिल किया गया।

बन्टी के पकड़े जाने के बाद से बॉलीवुड गिरोह शांत हो गया, आनन फानन में बड़े न्यूज़ चैनल के स्वघोषित ईमानदार और निष्पक्ष पत्रकार ने रिया का 2 घंटे का इंटरव्यू लिया जो कि देखने वाले फिक्स बताते है।

फिर सैमुअल मरांडा के सामने आते ही सबको सांप सूंघ गया, बड़ी बॉलीवुड हस्तियों और नेताओं को अपने नाम उजागर होने का डर सताने लगा।

आज पुलिस से सैमुअल और रिया के भाई सोविक को गिरफ्तार भी कर लिया। 

इसी बीच मुंबई के पाथ होल्स पे अर्णब और कंगना के नाम पे अपशब्द लिखे गए, देखते देखते ट्विटर पे फ़ोटो छा गयी, फिर मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारी ने पोस्ट रिट्वीट करी।

हर मामले में अपनी राय बेबाकी से रखने वाली कंगना ने तुरंत उसपे कमेंट किआ जिसको संजय राउत ने मराठी अस्मिता से जोड़ दिया और धमकी देने का दौर शुरू हो गया। कई फ़िल्मी हस्तिया ट्विटर पे आ गयी।

जब बात बड़े नेता की आ जाए तो कोई भी पार्टी दंगे फसाद करा सकती है ये हमने इसी बॉलीवुड की फिल्मों में कई बार देखा। शिव सेना और शिवसैनिक पहले भी कई अवसरों पे इसका नज़ारा पेश कर चुके है।

सोशल मीडिया पे अब बहस मराठी और बाहरी की हो गयी, कुछ दिन ने महिला सेना के लोग आएंगे और कुछ विरोध होंगे। दंगे फसाद की संभावना भी है।

मेरी पिछली पोस्ट में ये बात लिखी थी कि ये लंबी कहानी है और इसमें कई एंगल है। बात कानून व्यवस्था और सरकार गिराने की साजिश तक जाएगी।

और इस तरह ये हत्या का केस डाइवर्ट हो जाएगा। इतना बड़ा ड्रग रैकेट खुलेगा या कुछ चिन्दी लोगो को पकड़ के खत्म हो जाएगा इसपे सवाल है, हालांकि नए तेज तर्रार नारकोटिक्स मुखिया बनाये जाने से कुछ उम्मीद दिखती है।

बाकी के सवाल भविष्य के गर्भ में है लेकिन बॉलीवुड मीडिया और नेताओं के गठजोड़ को इस मामले ने खुली किताब की तरह बेपर्दा कर दिया है। शुरुआत से ही इस केस में मुम्बई पुलिस का रवैया, विनय तिवारी को बंदी बनाना, रिया का इंटरव्यू, ड्रग रैकेट, और अब हवाला का एंगल चौकाने वाला है, कम से कम आम जनता के लिए।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.