ओडिशा में मिशनरी के धर्म परिवर्तन के खिलाफ काम कर रहे स्वामी जीवन मुक्तानन्द को जान से मारने की धमकी मिली है। ओडिशा के जलेशपट्टा ग्राम में स्थित कन्याश्रम को उड़ा देने और स्वामी जीवन मुक्तानन्द को जान से मारने की धमकी मिली है। इस बाबत जीवन मुक्तानंद गिरी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इधर, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रदेश की सरकार विधर्मी ताकतों के दबाव में काम कर रही है। गौरतलब है कि इसी जलेशपटा आश्रम में आठ साल पहले स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की निर्मम हत्या कर दी गई थी। कंधमाल जिला धर्मांतरण के लिए काफी चर्चित रहा है। यहां के भोले-भाले आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों द्वारा बहला-फुसलाकर क्रिश्चियन धर्म में शामिल कराया जाता है।

इलाके में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती ने जागरूकता का अभियान चलाया था, जिससे मिशनरियों ने पसंद नहीं किया और इसे लेकर मिशनरियों के साथ उनकी सर्वदा टकराव की स्थिति रही थी। अब फिर से कन्याश्रम के परिचालक को जान से मारने की धमकी दी गई है। विश्व हिंदू परिषद ने स्पष्ट किया कि 2008 में लक्ष्मणानंद सरस्वती को फोन पर धमकी मिली थी जिसे प्रदेश सरकार ने हल्के में लिया और उनकी हत्या कर दी गई। आरोपी अभी तक फरार है। जलेशपटा कन्याश्रम के परिचालक को तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए। आश्रम के परिचालक जीवनमुक्त आनंदपुरी को फोन पर धमकी दी गई है।

स्वामी जीवन मुक्तानन्द ने कहा कि इस देश में हिंदू होना गुनाह है , हम लोग केवल आश्रम में छोटे बच्चों को पढ़ा रहे हैं , गायों की सेवा कर रहे हैं इसके बावजूद हम लोगों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

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