२०१४ में जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने, तो मोदीजी की छवि ‘मुस्लिम विरोधी’ थी और ऐसी स्थिति में जहां ५७ मुस्लिम देशों का संगठन है और जहां से भारत सबसे ज्यादा तेल आयात करता है, क्या आप सोच सकते हैं कि मोदी की मुस्लिम विरोधी छवि भारत को कितना नुकसान पहुंचा सकती है ? उस समय यह निश्चित लग रहा था कि मोदी पहले कार्यकाल में इस तरह के महत्वपूर्ण निर्णय नहीं ले पाएंगे। जैसेकि यह अनुच्छेद ३७०, सीएए या अयोध्या जन्मभूमि पर एक अध्यादेश है ..! मोदी ने २०१४ से खाड़ी देशों पर ध्यान देना शुरू किया …क्योंकि पाकिस्तान को अलग-थलग करने में सबसे महत्वपूर्ण कार्य उन ५७ देशों में भारत के महत्व को बढ़ाना था और मोदी इसमें सफल रहे ।। २०१९ में आते ही, प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े मुस्लिम देशों में भारत के महत्व को स्थापित किया और फिर निर्णय लेने शुरू कर दिए । इसमें कोई शक नहीं है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड २०२४ से पहले आएगा, लेकिन पाकिस्तान का हाल और भी खराब होगा। पाकिस्तान चीन के कर्ज में फंस जाएगा और घुटने टेक देगा ! अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखने वाले लोग इसे भली भांति समझते होंगे।

दुनिया ने पिछले ४० वर्षों से भारत को “रोते हुए बच्चे” के रूप में देखा है। भारत और पाकिस्तान इन दोनों के बीच ही भारत का भू-राजनीतिक समीकरण बनता था और यदि पाकिस्तान भारत पर आतंकवादी हमला करता था तो हम दुनिया के सामने यह कहते हुए रोना शुरू कर देते थे कि “पाकिस्तान से कुछ कहो” ! लेकिन अब परिस्थिति ३६० डिग्री बदल गई है ! अब पाकिस्तान रो रो के कहता है की, “भारत को कुछ बताओ”. पहले हमें UNSC में मीटिंग के लिए भीख मांगनी पड़ती थी,लेकिन अब पाकिस्तान बंद दरवाजे के पीछे मीटिंग के लिए भीख मांग रहा है ! यह आपके पूर्ण बहुमत की ताकत है !!! पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने ‘इज़राइल-विरोधी’ रवैया रखते हुए खाड़ी देशों को संतुलित करने की कोशिश की थी , लेकिन अब हम ‘इज़राइल-तरफी’ रह कर हमनें खाड़ी देशों को संतुलित रखा। पुरानी और नई विदेश नीति में यही अंतर है|

खाड़ी क्षेत्र भारत के लिए महत्वपूर्ण था और इसके लिए यह कहना आवश्यक था कि भारत एक व्यापारिक केंद्र है। इसलिए यदि खाड़ी देश अपने व्यापार का विस्तार करना चाहते हैं, तो क्या यह भारत जैसे बड़े आबादी वाले देश के साथ रहेंगे या पाकिस्तान जैसे छोटे देश की ओर बढ़ेगा ? मोदी ने भारत की अधिक जनसंख्या को अवसर बनाकर उन देशों को व्यापर का लालच दिया ! और न केवल व्यापार, भारत ने खाड़ी देशों में प्रत्येक के साथ अलग-अलग तरीकों से अपने संबंधों को मजबूत किया है !

भारत ने किस तरह साउदी अरब और यूएई को अपनी तरफ लिया और मलेशिया को पछाड़ा , उसकी चर्चा हम बाद में करेंगे

एक टीवी इंटरव्यू में, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सऊदी अरब को धमकी दी, “अगर सऊदी अरब कश्मीर मुद्दे पर हमारा समर्थन नहीं करता है, तो हम मुस्लिम देशों का एक और संगठन बनाएंगे।” फिर सामने सऊदी ने धमकी दी की , “हमारा पैसा वापस दो” ! तो अब ये हालत हो गई है कंगाल मुल्क पाकिस्तान की….

पहले लगता था की जो बिडेन पाकिस्तान का साथ देंगे लेकिन भारत की विदेशनीति से अमेरिका को भारत का साथ देना ही होगा क्योंकि चीन से निपटने के लिए उन्हें भारत का साथ अवश्य चाहिए

हम और पूरा भारत आज आश्वस्त है की हमारे प्रधानमंत्री ने हमारे देश के विकास में कोई कमी नहीं रखी और वो दिन दूर नहीं जब भारत विश्वगुरु बन जाएगा !

जय हिन्द

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