तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह से भारत देश के खिलाफ वामिस्तानी और खालिस्तानी नेटवर्क ने मिलकर साजिश रची उसकी सारी परतें अब खुलकर बेनकाब हो चुकी हैं। ग्रेटा थनबर्ग के द्वारा जिस तरह से टूलकिट अनजाने में ही जाहिर हो गई उससे यह जाहिर हुआ कि कनाडा के पैसों के दम पर यह कट्टर लोग भारत की संप्रभुता के खिलाफ नफरत का एजेंडा चला रहे हैं जिसका मुख्य मकसद है चाय यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगा यानी योगी आदित्यनाथ की छवि को धूमिल करना।


ग्रेटा की टूल किट में साफ लिखा हुआ था कि भारत की चाय और योगा की छवि को इन्हें ब्रेक करना है मगर जिस पर महादेव का हक होता है उसे भला इस जमाने में कौन हरा सकता है? ग्रेटा के द्वारा यह टूलकिट अनजाने में ट्विटर पर डाल दी गई और यह पूरी मुहिम 1 सेकेंड में ही बेनकाब हो गई। ये षड्यंत्र जाहिर होने के बाद पूरे देश ने एक आवाज में इस विदेशी षड्यंत्र के खिलाफ मोर्चा खोला और और पलटवार करते हुए यह ऐलान कर दिया कि हिंदुस्तान के वजूद पर बुरी नजर डालने वाले दुनिया वालों we stand together.


देश की जनता स्वदेशी साजिश को पूरी तरह समझ चुकी है और अब जनता ने षड्यंत्रकारी को जवाब देते हुए कह दिया है कि आप देश की चाय और योगा के खिलाफ कितनी भी मुहिम चला लो मगर 2024 में चाय बैक करेगी और 2022 में योगा बैक करेगा।

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