त्योहारों के बीच एक सच यह जान लीजिए कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू दहशत में है। हिंसा वाले 22 जिलों में अतिरिक्त फोर्स अब भी तैनात है। हिंसा की आशंका के चलते सैकड़ों लोगों ने मंदिर और अन्य ठिकानों में शरण ले रखी है। मंदिर में रह रहे एक शख्स ने बताया कि हम घर वापसी को लेकर डरे हुए हैं। हम नहीं जानते कि घर लौटने पर हमारा क्या हश्र होगा।

इसलिए इस परिसर को छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूं। हिंदू समुदाय और हिंसा के शिकार परिवारों ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू तेजी से असुरक्षित हो रहे हैं। फेसबुक और यूट्यूब पर कट्टर इस्लामिक संगठनों के प्रचारक समाज में जहर घोल रहे हैं। इससे हिंदू समुदाय भयभीत हैै। द बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल के मुताबिक इस हिंसा में दंगाइयों ने 150 मंदिरों में तोड़फोड़ की थी।


यह हिंसा कुमिला शहर में एक दुर्गा पंडाल में कुरान रखने की अफवाह से शुरू हुई थी। कुमिला में पूजा के आयोजक 55 वर्षीय अचिंत्य दास बताते हैं कि वे 13 दिसंबर की सुबह फोन की घंटी से जागे। दूसरी तरफ डरे हुए एक शख्स ने कहा कि जल्दी आओ। पंडाल में कुरान मिली है। मुझे समझने में देर नहीं लगी कि मामला गंभीर है और तत्काल निकल पड़ा।

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