मुंबई हमले को उस समय की कांग्रेस सरकार ने हिंदू आतंकवाद के साथ जोड़ने की पुरजोर कोशिश की थी मगर यह देश और धर्म ऋणी रहेगा कॉन्स्टेबल तुकाराम ओंबले का जिन्होंने अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा और कांग्रेस और पाकिस्तान के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। दरअसल इसके पीछे पूरा प्लान यह था कि आमिर कसाब समेत सभी आतंकवादियों के हाथ में लाल कलावा बांधा गया था और सभी की जेब में हिंदू पहचान के कार्ड रखे गए थे। अजमल कसाब की जेब में भी समीर चौधरी नाम से कार्ड था और उसके हाथ पर भी कलावा बंधा हुआ था।
पाकिस्तान की पूरी प्लानिंग थी कि हमले के बाद सभी आतंकवादी मार दिए जाएंगे, ऐसे में सभी आतंकियों की जेब से हिंदू पहचान पत्र मिलेंगे और हाथ में बंधा हुआ कलावा अपने आप में यह कहने के लिए काफी होगा कि यह हमला हिंदुओं के द्वारा किया गया है। मगर शहीद तुकाराम ओंबले ने अजमल कसाब को अपनी जान गवा कर जिंदा पकड़ा और पाकिस्तान कांग्रेस की इस साझा नापाक कोशिश को कामयाब होने नहीं दिया।
हैरानी की बात ये थी कि जो पाकिस्तान और ISI ने चाहा उसे कांग्रेस ने हू-ब-हू कैसे किया। हमले के चंद दिन बाद ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तानी भोंपू की तर्ज पर बजना शुरू कर दिया कि ये हमला संघ द्वारा करवाया गया है । उस समय हिंदू टेरर , safron terror का जुमला देशभर में चलाया गया ताकि सनातन धर्म बदनाम हो सके और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन को कठघरे में कैद किया जा सके। मगर धर्म हमारी तरफ था इसलिए पाकिस्तान और कांग्रेस के मंसूबे कामयाब नहीं हो सके और अजमल कसाब की गिरफ्तारी व उसके बयानों ने ये स्पष्ट कर दिया कि ये हमला पाकिस्तान ने करवाया था।
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