मुस्लिम वक्फ एक्ट हिन्दुओं और भारत माता के साथ हुआ एक बहुत ही भयानक षड्यंत्र है , यह कानून हमारे संविधान का मखौल उड़ता है , यह कांग्रेस के द्वारा बनाया गया कानून , भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने में कानूनी सुगमता देता है , यह कानून बहुत ही ज्यादा ख़तरनाक है , समझ लीजिए शरिया से भी ज्यादा ख़तरनाक है , यह कानून Parliament jihad का एक नायाब उदाहरण है ??
थोड़ा हम वक्फ एक्ट का इतिहास देखते है ,
वक्फ एक्ट पर पहला कानून 1923 में बनाया गया था ,जिसमें कोई स्पेशल पॉवर नहीं दिया गया था , इस एक्ट को बनाने का मकसद बस यह था कि अगर कोई मुल्ला अपनी प्रॉपर्टी अल्लाह को देना चाहता है तो वो अल्लाह को दे सकता और उसकी प्रॉपर्टी कि देख रेख वक्फ बोर्ड करेगा
उसके बाद समय – समय पर इसमें कुछ संशोधन होते रहे
1 .वक्फ एक्ट 1954 ( जिसमें इसे कुछ पॉवर दिए गए )
2. वक्फ एक्ट 1984 राजीव गांधी के समय जिसमें इसे थोड़ा और ज्यादा पॉवर दिए गए
3. लेकिन 1995 में नया वक्फ एक्ट 1995 लाया गया जिसमें वक्फ बोर्ड को बहुत ज्यादा पॉवर दिया गया , और फिर 2013 में मनमोहन सिंह ने इसमें कुछ संशोधन करके उससे भी ज्यादा पॉवर दे दिए
चलिए अब समझते है कि आखिर ऐसा क्या है वक्फ एक्ट 1995 में जो इसे बहुत ही ज्यादा ख़तरनाक बनाता है हिन्दुओं और पूरे भारत भूमि के लिए
#Waqf Act 1995
- Sec (36) & sec (40) – इस क्लोज़ में यह लिखा है कि वक्फ बोर्ड किसी कि भी प्रॉपर्टी को चाहे वह प्राइवेट हो , सोसाइटी की हो या फिर किसी भी ट्रस्ट की उसको, वक्फ बोर्ड अपनी सम्पत्ति घोषित कर सकता है
- sec 40 (1) – अगर किसी individual की प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित किया जाता है तो उसको उस ऑर्डर का कॉपी देना का कोई प्रावधान नहीं है , और आपने वो प्रॉपर्टी को 3 साल के अंदर चैलेंज नहीं किया तो वो ऑर्डर फाइनल हो जाएगा , मान लीजिए कि आपकी प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया तो आपको पता भी नहीं चलेगा क्यों की उस ऑर्डर की कॉपी देने का कोई नियम नहीं है , और आपने अगर इसे 3 साल के अंदर चैलेंज नहीं किया तो वो प्रॉपर्टी वक्फ की हो जाएगी ???
- Sec 52 & sec 54 – जो सम्पत्ति वक्फ संपति घोषित हो जाएगी , उसके बाद वहा जो रह रहा होगा वो “”ENCROCHER”” माना जाएगा , और उसके बाद वक्फ बोर्ड डीएम को ऑर्डर देगा कि उनको हटाया जाए और डीएम बाध्य होगा उसके ऑर्डर का पालन करने के लिए ।।
- Sec 4,5,6&7 – वक्फ बोर्ड जिसको बोलेगा अपनी संपत्ति उसका राज्य सरकार सर्वे करेगी और सर्वे का खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी ,और इसके कोई मापदंड तय नहीं है वो किसी भी सम्पत्ति को सर्वे में जोड़ सकते है , कोई नोटिफिकेशन , ऑब्जेक्शन , कोई प्रक्रिया तय नहीं है , सर्वे के बाद सर्वे कमिश्नर वक्फ बोर्ड को सुचित करेगा और इसके बाद वक्फ बोर्ड उसको अपनी सम्पत्ति घोषित कर सकता है , और अगर किसी को तकलीफ़ है उससे, तो उसे वक्फ ट्रिब्यूनल में जा कर अपना केस दर्ज़ कराना होगा , थोड़ा नजर डालते है वक्फ ट्रिब्यूनल के कंपोजिशन पर 1. Judicial member , 2. Executive member 3. Muslim scholar
- Sec (6) में एक बदमाशी कि गई मनमोहन सिंह के द्वारा 2013 में , 1995 के एक्ट में word था “”person interested”” , अगर किसी मुल्ले को लगता है कि उसकी प्रॉपर्टी गलत तरीके से एड हो गई सर्वे ऑफिसर के द्वारा तो वो उसको वक्फ ट्रिब्यूनल में चैलेंज कर सकता है , मगर मनमोहन सिंह ने एक चालाकी करके इसके जगह “”person aggrieved”” ( व्यथित व्यक्ति ) कर दिया , इसका मतलब मेरी कोई प्रॉपर्टी ले लेगा तो मै person aggrieved होऊंगा , यह बहुत ही महिन सा अंतर है लेकिन बहुत ही ख़तरनाक है
- Sec 28 & sec 29 -वक्फ बोर्ड का जो ऑर्डर होगा उसका पालन स्टेट मशीनरी एवम् डीएम को करना होगा , अब थोड़ी नजर हम वक्फ बोर्ड के कंपोजिशन पर करते है waqf board composition , एक चेयरमैन होगा , एक इलेक्टोरल कॉलेज होगा जिसमें दो व्यक्ति होंगे जो मुस्लिम एमपी , एमएलए के द्वारा चुने जाएंगे , बार काउंसिल के मेंबर सिर्फ मुस्लिम होंगे , एक मुस्लिम टाउन प्लांनिंग का मेंबर होगा और एक ज्वाइंट सेकेट्री होगा ।। अब एक सवाल उठता है कि क्या ऐसे आधिकार किसी पंडित , मठाधीश ,या फिर किसी हिन्दू ट्रस्ट को दिया गया है ???
- Sec (9) – इसके तहत एक वक्फ काउंसिल बना हुआ है जिसके लिए एक मिनिस्ट्री इंचार्ज ऑफ minority affairs , उसका एक्स ऑफिसर चेयरमैन होगा जो सरकार को एडवाइस देगा वक्फ बोर्ड के adminstration के लिए
- Sec (85) – इसके तहत अगर कोई मामला वक्फ से संबंधित है तो आप दीवानी दावा दायर नहीं कर सकते है , मतलब अगर आपकी प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया तो आप सिविल कोर्ट में नहीं जा सकते है , आप बाध्य होंगे वक्फ ट्रिब्यूनल में जाने के लिए और वक्फ ट्रिब्यूनल की कंपोजिशन ख़तरनाक है , और इसमें पॉलिटिकल अफेयर काम करेगा , क्यों की इसमें एक ब्यूरोक्रेट बैठा है , तो बहुमत फैसला 2- 1 हो जायेगा
- Sec (89) – इसमे अगर आप आप सिविल कोर्ट जाना चाहते है तो आपको वक्फ बोर्ड को दो महीने का नोटिस देना पड़ेगा
- Sec (101) -यह जानकर आप दंग रह जाएंगे की वक्फ बोर्ड के मेंबर public servant है ।। क्या किसी मठाधीश , संक्रचर्या , पंडित को पब्लिक सर्वेंट माना गया है ??
- Sec (107) – इसके तहत वक्फ बोर्ड पर कोई पाबंदी नहीं है , वो कभी भी वक्फ प्रॉपर्टी को चैलेंज कर सकती है , और इसी के तहत हम places of worship act 1991 को इस से तुलना करे तो हमारे पास ऐसा कोई आधिकार नहीं है ।। इस तरह करके रेलवे और डिफेंस के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है , यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश high court के है ।। एसोसिएशन ऑफ आंध्र प्रदेश सैफा नाजिम V/S यूनियन ऑफ इंडिया 2009, वक्फ बोर्ड के पास 4 लाख एकड़ प्रॉपर्टी है , अबतक वक्फ ने 6,59,877 प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया है
यह देखकर पता चलता है कि हम हिन्दुओं के साथ कितना बड़ा दिखा हुआ है , उठो हिन्दुओं अपने आधिकार के लिए लड़ना सीखो ।। यहाॅं एक CAA कानून आता है , और पूरे देश में आग लग जाती है , मगर इतना बड़ा धोखा किया जाता है हिन्दुओं और भारत भूमि के खिलाफ और हमे कुछ पता ही नहीं चलता है ।। इस लिंक को क्लिक कर के देखे ?? https://youtu.be/r310rcmUBpM
मै रहूं या ना रहूं भारत यह रहना चाहिए ??
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