भारतीय जनता पार्टी पिछले कई दशकों से एक ही बात सुनते हुए आ रही है कि मंदिर हम बनायेंगे लेकिन तारीख़ हम नहीं बतायेंगे। हर विपक्षी दल इस बात के लिए भाजपा को घेरकर रखते थे. लेकिन कभी भी भाजपा ने अपने राम मंदिर निर्माण के वादे को भुलाया नहीं। हर घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण के वादे के ऊपर अड़िग भी थी और आश्वस्त भी. अब ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास की तारीख़ का भी एलान कर दिया गया है. ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन होगा।
प्रधानमंत्री के हाथों से राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन होगा, लेकिन यह बात कांग्रेस और अन्य पार्टियों को हज़म ही नहीं हो रही है. लगभग 3 दशकों बाद राम मंदिर निर्माण के लिए पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. लेकिन जो कांग्रेस पार्टी कल तक चुनाव जीतने के लिए कोर्ट में यह कहकर मामलें को अटका देती थी कि अभी चुनाव आने वाले है उसके बाद कोर्ट में इस केस पर सुनवाई होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी पहले मंदिर निर्माण को कोर्ट में अटकाती थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कह रही है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के भूमिपूजन में मत जाओ.
कोर्ट-कचहरी में राम मंदिर निर्माण के लिए रोड़ा अटकाने वाली कांग्रेस पार्टी, अब राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री के जाने पर, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के सोमनाथ मंदिर निर्माण शिलान्यास में नहीं जाने की दुहाई देने लगी है. कांग्रेस पार्टी के बयानों और घुटन से यह साफ़ जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी न तो कोर्ट के फ़ैसले को पचा पाई है और न ही अब मंदिर निर्माण को पचा पायेगी। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी गुजरात में वोटों के लिए मंदिर-मंदिर जायेंगे और अपने आप को सबसे बड़ा शिव भक्त बतायेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या जाने पर अभी से दिक्कतें शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी के चाहने से तो अबतक कोर्ट से मंदिर निर्माण के लिए फ़ैसला भी नहीं आता, क्योंकि कांग्रेस पार्टी तो इस मामलें को अटकाना ही चाहती थी.
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का यह पहला अयोध्या दौरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को सुबह अयोध्या पहुंचेंगे। नरेंद्र मोदी अयोध्या में हनुमानगढ़ी के दर्शन भी करेंगे, उसके बाद स्थापित राम लला के दर्शन करेंगे और फिर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय को ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के द्वारा राम मंदिर भूमिपूजन के लिए 2 तारीख़े भेजी गई थी जिसमें 3 अगस्त और 5 अगस्त शामिल थी. जिसके बाद 5 अगस्त को अंतिम किया गया. इसी तारीख़ (5 अगस्त 2019) को ही पिछली साल जम्मू-कश्मीर से वर्षों से लंबित धारा 370 को हटाकर मोदी सरकार ने इतिहास रचा था.
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