अभी कुछ समय पहले तक , कांग्रेस से हठबंधन करके सत्ता में आई महाराष्ट्र की शिव सेना सरकार अपनी ही हनक में जो जैसा मन में आ रहा था किये जा रही थी। एक तरफ प्रदेश में कोरोना से लाखों लोगों की जान जा रही थी , साधू सन्यासियों को पुलिस की मौजूदगी में क़त्ल किया जा रहा था , सिनेमा से जुड़े लोगों की एक के बाद एक संदेहास्पद मृत्यु हो रही थी , पूरे बॉलीवुड में चल रहे नशे के कारोबार का खुलासा किया जा रहा था , मगर इन सबसे अलग महाराष्ट्र सरकार अपने निजि स्वार्थ और क्रोध वश कार्रवाई किन पर कर रही थी ??

सवाल उठाने वाली अभिनेत्री कंगना राणावत पर , उनके घर दफ्तर पर , समाचार चैनल पर लगातार तीखे प्रश्नों से सरकार को बार बार घेर कर लोगों के सामने सच लाने वाले चैनल रिपब्लिक भारत और उनके तमाम पत्रकारों पर ?

न ही पालघर के साधुओं की ह्त्या के आरोपियों , उस नृशंस अपराध में शामिल रहे पुलिस वालों ,दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत जैसे कलाकारों की मौत के कारण बने लोगों पर , पूरे हिंदी सिनेमा जगत को ड्रग्स की मंडी में बदल देने वाले नशे के सौदागरों पर , गरीबों के लिए निःशुल्क स्कॉलरशिप देकर उन्हें विदेश में पढ़ने का अवसर देने वाली योजना के दुरूपयोग के दोषी प्रशासनिक अधिकारियों सहित ऐसे तमाम लोगों , आरोपियों पर महाराष्ट्र सरकार आँख मूँद कर बैठ गई।

इधर कभी शिव सेना सांसद के ऊपर बलात्कार जैसा संगीन अपराध किये जाने को लेकर लगे आरोप , सर्वोच्च न्यायालय से बार बार लगती डाँट फटकार के बाद अब विवादित और बड़बोले तथा शिव सेना के सबसे कुख्यात राजनेता संजय राउत पर कानून की गाज़ गिरते ही सारी हेकड़ी हवा हो गई है। कभी कंगना रनौत को सिर्फ सवाल पूछने के लिए “हरामखोर ” कह देने वाले राउत आज अपनी पत्नी वर्षा राउत को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा घोटले और फर्जीवाड़े के आरोप में नोटिस थमाए जाने पर रुदाली गान पर उतर गए हैं।

असल में , महाराष्ट्र के चर्चित PMC बैंक घोटाले और धोखाधड़ी , जिसमें कथित तौर पर बैंक को 4 ,355 करोड़ रूपए की हानि दिखाई गई थी की खबर लगते ही मुम्बई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज़ करवाए गए मुक़दमे की जांच के दौरान ही प्रवर्तन निदेशालय के पास चौंका देने वाले राज़ सामने आए।

प्रवीण राउत , जो संजय राउत के करीबी माने जाते हैं ने , अलग अलग समय पर अपनी पत्नी माधुरी राउत और संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में करोड़ों रूपए की राशि का लेन देन किया था जिससे इस बैंक के पैसों को अनुचित रूप से दुरूपयोग के लिए उनके खातों में पहुँचाया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जाँच में पाया की मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये वर्षा और माधुरी राउत की कंपनियों को अनुचित और अवैध रूप से लाखों रूपए की राशि पहुँचाई गई।

अब प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राउत और उनके करीबियों पर कानूनों शिकंजा कसते ही उनका वही पुराना केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों की जांच से प्रताड़ित किये जाने वाला राग अलापना शुरू है। बेचारे सालों से “सामना -सामना ” खेल रहे थे अब जब सामना करने की बारी आई तो नॉटी नॉटी बातें कर रहे हैं। लिल्लाह

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