पिछले कुछ दिनों में बड़ा कठिन सा समय गुजरा है ,अब भी वो टला नहीं बल्कि अब ही तो वो अपने रौद्रतम रूप में है , प्रकृति बार बार चेता रही है मगर मान कर नहीं दे रहे हम | किसने सोचा था की माँ वसुंधरा स्वरूप सीता माँ की हदृय स्थली में उनके हमारे आराध्य प्रभु श्री राम कि ,कलयुग में भी अयोध्या वापसी का अद्भुत संयोग बन रहा है और हम आप इस विपदा के समय में भी ये सोच कर सुकून पा रहे हैं कि हम सबके इसके साक्षी हैं |

पिछले दिनों जब धूर्तता का की पराकाष्ठा बन चुके दो शत्रुओं ने इन दुर्दिनों का फायदा उठाना चाहा तो फिर ऐसे धमक हुई कि दुनिया ने भी ये वो नया वाला भारत और उसके तेवर देख लिए ,मगर छोटे भाई नेपाल से भी ऐसी बातें आने या आने दी जाने लेगें तो कष्ट का विषय तो है ही |

मैं जिस नेपाल को जानता था करीब से ,जिसे मैंने देखा महसूस किया था , जब नेपाल में श्री पांच को सरकार ,राजा वीर विक्रम शाह देव ,राष्ट्र प्रमुख हुआ करते थे , कितना खूबसूरत कितना शर्मीला हुआ करता था नेपाल | नेपाल के चप्पे चप्पे पर पूरा राजपरिवार जिस प्यार और आदर के साथ पूजा जाता था , उन दिनों हर सिनेमाघर में राजपरिवार के सम्मान में खड़े होते समय हमने सबकी आँखों में एक गर्व को बहुत गौर से पढ़ा था |

साथ ही थे खेत भी सड़कें भी और जयनगर के पास पड़ने वाला हमारा इनरवा बाजार भी। सच कहें तो उन दिनों जयनगर , देश का उस छोर का आख्रिरी रेलवे स्टेशन, से लेकर माँ मैथिलि के देस जनकपुर धाम तक के लिए इकलौती और एकमात्र रेलवे सेवा हुआ करती थी वो भी नैरो गेज की ,एक छोटू सी रेलगाड़ी भी चला करती थी | रस्ते में एक स्टेशन पड़ता था जहां प्याजी नाम की एक पकौड़े की बनाई बेची जाने वाले एक दुकान बहुत मशहूर हुआ करती थी | )



रातों रात हुए एक बहुत बड़े कत्लकांडं में पूरे परिवार के खत्म होते ही हालत बदलते गए ,और कई बार ऐसी स्थति बन गई की हम प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उत्तर में नेपाल के प्रधानमंत्री जिन्हे याद करके जाते , हॉल तक पहुँचते पहुँचते वो बदल चुके होते |बदलते समय के साथ और बदलती सोच नेपाल की राजनीति में भी लगातार सब कुछ बदलता ही रहता है अब भी | नेपाल भी दूर पास होता रहा और अब जबकि उनके जवाईं श्री राम जी विराजने वाले हैं तो ,उनके लिए तो भगवान में भी अधिक विशेष और प्रिय हुआ श्री राम जी हमारे |

बदलते बदलते अब देखिये। ……क्या तेरे संसार की हालत हो जी श्री राम , सब एक हुए मिलकर सारे खल और काम |

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.