न्याय को भटकता गौरक्षक, राजनीतिक भेंट चढ़ी गरीब की पीड़ा…।

मामला सितंबर 2021 का है 19 सितंबर 2021 को राजस्थान के बीकानेर जिले में श्री डूंगरगढ़ कस्बे में मोमासर बास में रहने वाले गौ रक्षक आनंद जोशी का जो शाम के समय अपने घर के बाहर खड़ा था अमूमन श्री डूंगरगढ़ में घर ढलान नुमा स्थिति में बने हुए हैं आनंद जोशी ने देखा कि एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर उसकी तरफ बढ़ रहा है जिसके पास एक गाय भी बैठी थी जब देखा कि ट्रैक्टर को एक लड़की चला रही है और वह अनियंत्रित होकर गाय की तरफ बढ़ रहा है तो आनंद जोशी ने भागकर गाय को बचाने के लिए गाय को उठाना चाहा परंतु दुर्भाग्य से तब तक ट्रैक्टर गाय और आनंद जोशी को कुचल कर एक 10 साल के बच्चे कभी काल भविष्य कर चुका था इसी पशोपेश में गाय और वह 10 साल का बच्चा वही अपने प्राण त्याग देते हैं आनंद जोशी को नजदीकी अस्पताल बीकानेर में ले जाया जाता है जहां पर 25 दिन कोमा में रहने के बाद करीबन 7 महीने बाद अस्पताल से छुट्टी मिलती है एक सामान्य परिवार जिसका रिक्शा चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला यह गो सेवक आनंद जोशी, कल्पना करिए कि 8 महीने बाद घर पर आता है तो उसके घर की दयनीय स्थिति किस प्रकार से होगी, एक सामान्य परिवार पर जब इस तरह से आर्थिक भार आता है तो घर में खाने-पीने और रहने की व्यवस्थाएं किस प्रकार से संचालित होती होगी इसकी आप कल्पना कर सकते हैं 7 महीने के इलाज के दौरान दोषी परिवार ने एक बच्ची का भविष्य नहीं बिगड़े बोलकर आनंद जोशी के परिवार को निवेदन किया और कहा कि हम इलाज का सारा खर्च उठाएंगे आप किसी भी प्रकार की शिकायत लड़की ट्रैक्टर चालक थी ऐसा ना करें, लेकिन 7 महीने बाद जब आनंद जोशी घर पर आता है लाखों रुपया तब तक दवाइयों पर खर्च हो जाता है परिवार कर्जदार हो जाता है तो दोषी परिवार के सामने उनके द्वारा किए गए वादे को याद दिलाता है तब तक दोषी परिवार प्रशासनिक और राजनीतिक रसूख दिखाते हुए उसकी सांठगांठ से ना केवल ट्रैक्टर चालक बदलता है बल्कि पूर्ण रूप से इस पूरे प्रकरण को दबाकर आनंद जोशी को धमकी भरे लहजे से कहता है कि तुमसे जो होता है वह कर ले गौरक्षक आनंद जोशी ने आज तक कभी किसी का बुरा नहीं किया मैं खुद उसकी और उसके परिवार की दयनीय स्थिति देख कर आया हूं जायजा लेकर आया हूं काफी दयनीय स्थिति में परिवार अपना भरण-पोषण कर रहा है मुआवजा या मदद तो दूर की बात है सम्मान और स्वाभिमान के लिए भी परिवार तरसता नजर आया। अब स्थानीय जागरूक लोगों व समाजसेवियों की मदद से यह मुद्दा वापस उछला है 8 महीने बाद और लोग अपील कर रहे हैं मुहिम चला रहे हैं कि ना केवल गौरक्षक आनंद जोशी को आर्थिक मदद मिले बल्कि न्याय भी मिले और जो दोषी है उनके ऊपर उचित रूप से कानूनी कार्यवाही हो कानून और व्यवस्था को अपने जेब में रखने की हिमाकत करने वाले लोगों के ऊपर कानून कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें इस तरह की अपील अब आमजन वहां पर कर रहा है और एक बहुत बड़े जन आंदोलन का रूप लेने की ओर अग्रसर है यह गौ रक्षक आनंद जोशी प्रकरण गौर करने वाली बात यह रही कि जो 10 वर्ष का बच्चा था उसको मुआवजा देने से लेकर मामले को दबाने के पीछे मुख्य कारण यह भी था कि वह बच्चा समुदाय विशेष से आता था कहीं ना कहीं एक बार फिर कानून और व्यवस्था तंत्र ने तथा राजनीतिक हुक्मरानों ने समुदाय विशेष और हिंदू गौ रक्षक के बीच न्याय प्रणाली में एक बहुत बड़ा भेदभाव सरजीत करने का प्रयास किया है निश्चित रूप से आप और हम सब से उम्मीद है कि हम बहुत जल्द आनंद जोशी और उसके पूरे परिवार को न्याय दिलाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से आत्मिक रूप से भी खुलकर सहयोग करेंगे आगे आकर बढ़-चढ़कर सहयोग करके न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे ।


स्थानीय राजनीतिक दलों से जुड़े हुए लोग भी इस मुद्दे को जाति और धर्म के चश्मे से देखते हुए गौ रक्षक आनंद जोशी के साथ अन्याय होता देख रहे हैं और किसी भी प्रकार की आवाज नहीं उठा रहे हैं यह दुर्भाग्य है अब हम सब लोगों को मिलकर इसको एक बड़ी आवाज बनाकर एहसास कराना होगा उन लोगों को जो सिस्टम को अपनी जेब में रखने का हिमाकत भरते हैं तथा में एहसास कराना होगा उन तमाम सामान्य वर्ग के लोगों को अगर किसी प्रकार की समस्या आती है तो हम सब आपके साथ हैं

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