आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ जब आई थी तब हिंदू विरोधी भावनाओं के चलते फिल्म का चारों ओर विरोध हुआ था। हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली इस फिल्म को अब मोदी सरकार सम्मान देने जा रही है। भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) ने पीके फिल्म को अभिलेखागार में रखने का फैसला किया है। पीके फिल्म 2014 में रिलीज़ हुई थी।
गौरतलब है कि यह फिल्म हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने के मकसद से बनाई गई थी। इस फिल्म से आहत हिंदू संगठनो ने इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवाज़ भी उठाई थी। पीके फिल्म में आमिर खान भगवान शिव और बजरंग बली का पोस्टर लेकर यह दावा कर रहें थे कि भगवान नहीं है। अथार्थ, आमिर खान ने अपनी इस फिल्म से हिंदू देवी- देवताओं के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए थे। पीके फिल्म में आमिर खान ने हिंदुओं के आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। साथ ही में हिंदू धर्म गुरुओं को फिल्म का विलन के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर जब मोदी सरकार हिंदू विरोधी हर एजेंडे को ध्वस्त करने का काम कर रही है तब ऐसे में सनातन धर्म विरोधी इस फिल्म को राष्ट्रीय अभिलेखागार में संग्रहित कर के सम्मानित क्यों किया जा रहा है।
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