जम्मू-कश्मीर में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। परिसीमन पुनर्निधारण के बाद सरकार विधानसभा चुनाव की दिशा में काम करना शुरू कर सकती है।जम्मू-कश्मीर में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 24 जून को दिल्ली में राज्य के सभी दलों को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली ऑल पार्टी मीटिंग के लिए बुलाया गया है।प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली इस बैठक में नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स डेमॉक्रैटिंक पार्टी, जेकेएपी समेत तमाम क्षेत्रीय दल शामिल होंगे।


माना जा रहा है कि इस बैठक का मुख्य एजेंडा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव और परिसीमन निर्धारण है। इस बैठक का फैसला जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय एजेंसियों के अफसरों और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक के बाद हुआ है।

पीएम और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि जम्मू-कश्मीर में चरणबद्ध तरीके से राजनीतिक गतिविधियों को बहाल किया जाए। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों पर भी जोर दिया गया है।जुलाई के आखिर तक रिपोर्ट दे सकता है परिसीमन आयोगमाना जा रहा है कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट से पहले राज्य में सभी दलों को विश्वास में लेने के लिए पीएम की ओर से पहल की गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जुड़े एक वरिष्ठ अफसर ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि सरकार इस साल के अंत या फरवरी मार्च में विधानसभा चुनावों को कराने की कोशिश कर रही है।

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