चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर गुरुवार को NIA-ED ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। लेकिन अब PFI को लेकर ED ने बड़ा खुलासा किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की राजधानी पटना में PM मोदी की रैली पर हमले की साजिश रची जा रही थी। ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के गिरफ्तार सदस्यों से पूछताछ के दौरान ये बड़ा खुलासा हुआ है।

कोझिकोड से गिरफ्तार PFI वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ED ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसके फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने कहा संगठन ने उन पर हमला करने के लिए बकायदा एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके। अक्टूबर 2013 में पटना गांधी मैदान में तत्कालीन बीजेपी के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।

ED ने अपने खुलासे में ये भी बताया कि PFI को खाड़ी देश से फंडिंग होती है। सभी पैसे हवाला के जरिए आता है। हमने इस साल PFI के 120 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। पायथे ने भी 40 लाख रुपए कतर से ट्रांसफर किए थे, जो गैर-कानूनी तरीके से भेजा गया था। साथ ही केरल के कोच्चि में NIA की ओर से दाखिल एफिडेविट में कहा गया है कि इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए PFI ने युवाओं को लश्कर और ISIS जैसे आतंकी संगठन ज्वॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

गुरुवार को हुए छापे के बाद पकड़े गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज के मुताबिक संगठन का टारगेट भारत की सत्ता हासिल करना है। इसमें लिखा मिला कि “2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस दस्तावेज में ये भी लिखा है कि 10 फीसदी मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे”

जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि हवाला के जरिए पैसे जुटाकर PFI के सदस्य ट्रेनिंग कैंप लगाते हैं। साथ ही इनके सदस्य देशभर में कई आपराधिक साजिशों में शामिल रहे हैं। अप्रैल से ही इसकी जांच चल रही थी। CAA कानून और हाथरस जैसी घटनाओं में भी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने में इन संगठनों का हाथ रहा है।

 

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