कोरोना को लेकर लेबल बुद्धिजीवी गैंग के तमाम लोग सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं मगर वैक्सीन को लेकर अक्सर अजीबोगरीब बयान देते रहते हैं। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के रुख का समर्थन करने वाले कम्युनिस्ट वकील प्रशांत भूषण ने अब अपना मुंह वैक्सीन के मुद्दे पर खोला है। देश में तेजी से लोगों को कोविड इंजेक्शन लगाया जा रहा है तो वहीँ सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा है कि न तो मैनें कोविड इंजेक्शन लिया है, न आगे लेने का इरादा है, यही नहीं भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘स्वस्थ युवाओं में कोविड के कारण गंभीर प्रभाव या मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है। इंजेक्शन के कारण उनके मरने की संभावना अधिक होती है। कोरोना से रिकवर होने वालों की नैचुरल इम्युनिटी, इंजेक्शन की तुलना में कहीं बेहतर होती है। इंजेक्शन उनकी नैचुरल इम्युनिटी से समझौता भी कर सकते हैं।’
हालांकि ट्विटर ने प्रशांत भूषण के इस ट्वीट को भ्रामक मानते हुए सेंसर कर दिया है, ट्विटर ने प्रशांत भूषण के ट्वीट के नीच लिख दिया, ‘यह ट्वीट भ्रामक है। पता करें कि स्वास्थ्य अधिकारी अधिकांश लोगों के लिए COVID-19 इंजेक्शन को सुरक्षित क्यों मानते हैं।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि प्रशांत भूषण जैसे इतने बड़े वकील जो आतंकी के लिए रात के 12:00 बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं, आखिर उनमें इतनी भी बुद्धि क्यों नहीं है कि वैक्सीन को लेकर इतना अजीब बयान दे रहे हैं। मुस्कराते हुए हम तो यह भी कहना चाहेंगे कि जिन युवाओं पर कोरोना वैक्सीन के कुप्रभाव की बात प्रशांत भूषण कर रहे हैं बीजेपी नेता तजिंदरपाल बग्गा उन्हीं युवाओं में से एक हैं।
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