कुतुब मीनार भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। हमें ये बताया गया है कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुब उद-दीन-ऐबक, उनके दामाद इल्तुतमिश और फिरोज शाह तुगलक ने कराया था। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि यह मीनार कभी हिंदू मंदिर था। आपको कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू धर्म से जुड़ी कई ऐसी चीजे दिख जाएंगी जिससे ये दावा और मजबूत होता है.
मुग़लों ने अपने शासन के दौरान सबसे ज्यादा हिंदु मंदिरों को नुकसान पहुंचाया है. मुग़ल आक्रमणकारियों ने समूचे भारत धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने के बाद वहां मस्जिद का निर्माण किया गया था। हालांकि इस कड़वी सच्चाई को कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी सिरे से नकार देते हैं. आज ये बात इसलिए भी ज्यादा अहम हो गयी है क्योंकि कुतुब मीनार कॉम्प्लेक्स को लेकर कुछ समय से यह चर्चा जोरों पर है कि कुतुब मीनार बनने से पहले वहां हिन्दुओं के मंदिर था।
दरअसल दिल्ली के साकेत कोर्ट ने कुतुबमीनार परिसर में मौजूद कुव्वुतुल इस्लाम मस्जिद में हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा का अधिकार की मांग करने वाली याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज पूजा तलवार ने इस मामले में केंद्र सरकार और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 11 मई को होगी। वकील विष्णु जैन के जरिये दायर याचिका में कहा गया है कि हिंदुओं और जैनों के 27 मंदिरों को तोड़कर ये मस्जिद बनाई गई है। जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव और भगवान विष्णु को इस मामले में याचिकाकर्ता बनाया गया था।
मुगल बादशाह कुतुबद्दीन ऐबक मंदिरों को पूरे तरीके से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया। याचिका में ये भी कहा गया था कि कुतुब मीनार परिसर के दीवालों, खंभों और छतों पर हिन्दू औज जैन देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं। इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी. द्वारपाल. भगवान पार्श्वनाथ. भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे के चिह्न मौजूद हैं। ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे। याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया था।
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