गंगोत्री केदारनाथ के क्षेत्र में अवैध घुसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा अपने गिरोह बना कर, वहां सभी महत्वपूर्ण जगहों पर कब्जे किए जा रहे हैं। खास साजिश के तहत वहां गंगा नदी के पवित्र जल में मुर्गे-मुर्गियों, बकरियों और बकरों को हलाल कर उनके अवशेषों खून और मांस को गंगा नदी में बहाया जा रहा है। आखिर किस साजिश के तहत देशभर से अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को खास तौर पर देवभूमि उत्तराखंड में बसाया जा रहा है, पहाड़ों से वहां की मूल आवासी पलायन करती है और खाली जगह देखकर वहां की जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है वैसे भी दुर्गम पहाड़ी इलाकों में जमीन बहुत सस्ती है ऐसे में खास मकसद से देवभूमि में कब्जे की जो साजिश चल रही है उस पर किसी का ध्यान भी नहीं जाता है।

 सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है की न तो उत्तराखंड की राज्य सरकार और न ही भारत की केन्द्रीय सरकार, न ही एन.जी.टी., और न ही कोई हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट, भारत के सभी सनातनी हिन्दुओं की आस्था की प्रतीक निर्मल गंगा नदी को उत्तराखंड में इन अवैध मुसलमान घुसपैठियों के इस तरह गंगा नदी के अपवित्र करने पर कोई भी संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। भविष्य में ये सभी मुसलमान पवित्र गंगा नदी के जल में इसी तरह पशुधन का खून बहाते रहेंगे तो फिर गंगा के जल में पवित्रता कैसे रह जाएगी? इस पर सम्पूर्ण भारत में सभी सनातनी हिन्दुओं को जाग्रत होकर, तुरंत आन्दोलन करने की अति आवश्यकता है

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