वर्ष के प्रारम्भ में हुए 44 दिवसीय देश व्यापी श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान के अनुभव कथनों पर आधारित पुस्तक सब के राम का विमोचन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री अरुण कुमार ने कहा कि निधि समर्पण का अभियान अभूतपूर्व था. देश भर के अभियान कर्ताओं के अनुभव बहुत ही प्रेरणा दायक रहा जिनका संकलन सबके राम पुस्तक है. जो लोग कहते रहे है कि हिन्दुत्व का भाव खत्म हो रहा है उनके लिए निधि समर्पण का ज्वार उत्तर हैं. श्री राम जन्मभूमि का आंदोलन हिन्दू समाज का आत्म साक्षात्कार है। वह अपनी ताकत जान चुका है। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति के आंदोलनों से हिन्दू समाज जागा,न्यायालय पर हमेशा विश्वास रखने वाले हिन्दू को उनके श्रद्धाकेन्द्र मिल गया। राम मंदिर का आंदोलन किसी प्रतिक्रिया के कारण नहीं हुआ बल्कि हिन्दुओं की प्रतिबद्धता के कारण हुआ। हमारा सपना है समरस समाज। हमारी सहिष्णुता हमारी कायरता के कारण नहीं अपितु हमारे पुरुषार्थ,वीरता के कारण है।

नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुए इस विमोचन समारोह को सम्बोधित करते हुए विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण प्रारंभ होते ही भारत का नवोत्थान प्रारंभ हो गया। राममंदिर से रामराज्य की यात्रा प्रारंभ हो गई। मंदिर निर्माण पूरा होते ही भारत का भाग्योदय प्रारंभ होगा। भारत विश्व गुरु बनेगा। वर्तमान सहस्राब्दी राम की सहस्राब्दी बनेगी।
1947 में हमें राजनीतिक आजादी मिली थी।राममंदिर आंदोलन से हमें धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी मिली। इस आन्दोलन में13 करोड़ रामभक्तों की सहभागिता रही। यह आजादी के आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन बन गया।
निधि समर्पण अभियान सम्पूर्ण भारत को जोड़ने वाला एक सेतु बन गया। इससे सिद्ध हो गया कि देश को केवल राम ही जोड़ सकते हैं। सैक्युलर राजनीति ने देश और समाज को तोड़ा है।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.