जिस प्रदेश में सरकार चलाने वाले लोग ऐसी सोच और ऐसे तेवर लिए हुए बैठे हों वहाँ फिर , साधुओं की निर्मम ह्त्या हो तो क्या आश्चर्य , वहां यदि नवोदित कलाकारों की एक पूरी नस्ल की संदेहास्पद मौत हो जाती हो और पुलिस कुछ न जान पाती हो न बता पाती हो तो भी क्या हैरानी , यदि वहां पुलिस कमिश्नर से लेकर राज्य का गृह मंत्री तक अवैध वसूली के काले कारोबार में गले तक डूबा हुआ हो यदि वहां का एक और राज्य मंत्री , केंद्र सरकार की जाँच एजेंसी के तेज़ तर्रार निडर और ईमानदार पुलिस अधिकारी को यूँ प्रेस कांफ्रेंस करके धमकाता है तो फिर पूरी न्याय व्यवस्था की ओर सबका देखना स्वाभाविक है।

असल में नवाब मलिक , जिनके खुद के दामाद अभी पिछले हफ्ते ही जमानत पर रिहा होकर बाहर आए हैं , बताते हैं कि जनवरी में इन्ही समीर वानखेड़े ने मलिक के दामाद को ड्रग्स के कारोबार में लिप्त पंकडा था। ठीक तभी से नवाब मालिक समीर वानखेड़े के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं।

नवाब मलिक अपनी निजी दुश्मनी में इतने नीचे स्तर पर गिर गए कि समाचार माध्यमों ने न सिर्फ समीर वानखेड़े पर , उनके निजी जीवन पर , परिवार , माँ पत्नी एवं बच्चों तक पर झूठे और गलत आरोप लगा कर उनकी छवि धूमिल करने के प्रयास के अतिरिक्त NCB जैसी केंद्रीय जाँच एजेंसी पर ही सवाल उठा कर उसे ही भ्रष्ट साबित करने की कोशिश भी की।

मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर निजी हमले करते हुए उन्हें केंद्र सरकार की कठपुतली करार दिया और ये भी कहा कि वे केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर ही सभी फ़िल्मी सितारों को जबरन परेशान कर रहे हैं और असल में वे खुद भ्रष्ट अधिकारी हैं। उन्होंने धमकी दी है कि अगले एक साल में वे समीर वानखड़े को किसी भी तरह से जेल में डलवा देंगे। और ये भी की जनता भी ऐसा ही चाहती है।

अपनी ईमानदार और निडर छवि के विख्यात समीर वानखेड़े ने भी मीडिया के सामने इसका जवाब पूरी शालीनता से देते हुए कहा कि एक सरकारी अधिकारी के रूप में वे सिर्फ सौंपे गए दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है लेकिन वे इन सबसे डरने या झुकने वाले नहीं हैं।

समीर वानखड़े को जानने वाले लोग ये अच्छी तरह जानते हैं कि समीर न तो किसी से डरते हैं न किसी दबाव में आते हैं और अपना काम बखूबी करना जानते हैं यही कारण है कि , इतने हाई प्रोफ़ाइल लोगों को देखते हुए ही सुशांत मर्डर केस के बाद उन्हें इस काम पर लगाया गया था।

समीर वानखेड़े आज इस देश के हर ईमानदार पुलिस अधिकारी के लिए एक आदर्श बन चुके हैं और महाराष्ट्र सरकार और उनके मंत्रियों की छवि दिनों दिनों लोगों के बीच कैसी होती जा रही है ये भी अब किसी से छुपा नहीं है।

सबसे बड़ी और अहम् बात ये कि , चाहे आर्यन छूटे या जेल में रहे , जमानत हो या सजा हो इतना तो तय हो गया है कि इस तथाताकथित बॉलीवुड के इस मायाजाल में ड्रग्स का जहर अब भीतर तक पैवस्त हो चुका है और ये इतनी जल्दी निकलेगा भी नहीं इसके लिए समीर वानखेड़े जैसे अधिकारियों की ही जरूरत है।

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