जून में लिखा था मैं हूँ पापा की परी, दिसम्बर में खुद को बताया कुकर्मी पिता की अभागी संतान

आजकल शेहला राशिद अपने पिता को रोज नई नई गालियों से नवाज रही हैं। लेकिन अभी जून में खुद को पापा की परी बता रही थी। जून 2020 में किये ट्वीट में शेहला राशिद ने लिखा था कि पापा से इतना प्यार और लगाव था कि अगर वो एक दिन के लिए भी कहीं बाहर चले जाते थे तो विछोह में शेहला को बुखार आ जाता था।

कल किये ट्वीट में शेहला ने लिखा कि उनको बाप का साया कभी नसीब ही नहीं हुआ और मां ने अकेले उनको पाला।

अब जून वाले पापा और दिसम्बर वाले पापा का ये रहस्य बड़ा अजीब हैं। क्योंकि जून में शेहला राशिद अपने पिता के बारे में जो लिख रही हैं और दिसम्बर में जो लिख रही हैं दोनो एक दूसरे की ठीक उलट बातें हैं।

जून में जिस पिता से एक दिन भी दूर ना रह पाने की कसम खा रही थी शेहला राशिद वहीं दिगम्बर में उसी पिता को बॉयोलोजिकल फादर बता रही हैं।

बॉयोलोजिकल फादर” संबोधन अक्सर बलात्कार के कारण पैदा हुई अवैध संतानों के बलात्कारी पिता के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अब या तक शेहला जून में झूठ बोल रही थी या फिर दिसम्बर में। जब तक पिता ने देशद्रोही गतिविधियों और काले धन पर मुंह नहीं खोला था, वो दुनिया का सबसे अच्छा बाप था, जिसकी गोदी से उतरना भी गंवारा नहीं था पापा की परी शेहला राशिद को।

अब शेहला राशिद की बातों को तभी सच माना जा सकता हैं जब जून वाले पापा और दिसम्बर वाले पापा अलग अलग आदमी हो।

देखना ये है कि क्या अभी जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल वाले पिता भी सामने आएंगे या घर की बात यूँ सड़क पर आने से रोक ली जाएगी

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