भारत पाकिस्तान का मैच हो और उसमें हार जीत के बाद आतिशबाजी न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। और ये भी नहीं हो सकता कि भारत की जीत पर पाकिस्तान में उस जीत का जश्न मने हाँ जो बार बार होता है -वो ये कि यदि गलती से भारत कोई मैच पाकिस्तान की टीम के विरुद्ध हार जाता है तो भारत दीमक की तरह छिपे स्लीपर सैल मुग़ल , अपने बरसों से छिपे दबे अरमान को रोक नहीं पाते और अपने चाहते कोहली के टिप्स को दरकिनार करते हुए पटाखे वाले बम और आतिशबाजी करके खुद को तसल्ली देते हैं
ये वही लोग हैं जो सालों से रहते भारत में आए हैं , खाते हिन्दुस्तान का हैं लेकिन गाते हर समय पाकिस्तान का ही हैं। कोई क़ानून हो या क्रिकेट मैच या किसी आतंकी का सेना द्वारा मारा जाना ये लोग हमेशा ही पडोसी पाकिस्तान की गोद में बैठे दिखाई देते हैं और समय मिलते ही अपना असली पक्का हरा रंग दिखाने लगते हैं।
वो जिनके लिए हमेशा की कौम और मज़हब किसी भी देश , के किसी भी खेल ,खेल भावना और राष्ट्रीयता से ऊपर ही रहा और रहता है उनके लिए देश की हार क्या और देश का दुःख क्या उनके लिए जरूरी सिर्फ ये है कि मौका मिलते ही वे भारत के प्रति उनके मन में छिपे नफरत को बाहर निकाल कर दिखा सकें .
भारत के मुस्लिम बाहुल्य जनसंख्या वाले सभी क्षेत्रों में ही पाकिस्तान की इस जीत को देख कर खुशी की ललक साफ देखी और महसूस की जा सकती। है फिर इस बार तो पाकिस्तान के पिछले सारे पाप धूल गए और दशकों बाद मिली बम्पर जीत में भारतीय पाकिस्तानी उनका साथ न दें ये भला कैसे हो सकता है . सबने यहीं से अपने गली मुहल्लों में पटाखे बजा कर अपने पाकी भाई जान लोगों को यहीं से सलामी देकर अपना मज़हबी भाईचारा निभाया है , फिर चाहे वो कश्मीर हो या दिल्ली .
क्या कश्मीर , क्या दिल्ली और क्या उत्तर प्रदेश , हैदराबाद , एक दो जगह नहीं बल्कि वो जिनके लिए ये कहने पर कि उन्हें सिर्फ कपड़ों से पहचाना जा सकता है , वे जहां जहां भी मौका मिला उन्होंने आसमान में सेवइयां उड़ाई हैं .
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर , भारतीय स्लीपर सैल द्वारा मनाए जा रहे जश्न की तस्वीरें देख कर उनके आका पाकिस्तान तथा उनके कठमुल्ले हुक्मरान भी खुशी से फूले नहीं समा रहे है और पूरी दुनिया को झूम झूम कर बता दिखा रहे हैं कि देखो ये सारे मुस्लिम भी हमारे साथ ही हैं यानि पाकिस्तान के साथ ही हैं .
सीमा क्षेत्र जम्मू कश्मीर का हो फिर राजधानी दिल्ली का ये स्लीपर सेल अब पूरे देश में ऐसे ही अपना फन और जहर छिपाए हुए बैठा रहता है फिर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में देश को जलाना हो या भारत की हार पर जश्न मनाना ये जानबूझ कर हर बो काम करते हैं जिससे देश का माहौल बिगड़े और हिन्दू आक्रोशित और उत्तेजित हों .
इस संदर्भ में एक गौर करने वाली बात ये भी है कि , स्लीपर सैल वालों की इस धृष्टता के विरुद्ध उनके इस करतूत के खिलाफ कभी कोई भी मुगल नेता अभिनेता खिलाड़ी , एक भी व्यक्ति आकर इन बातों की लानत मलामत नहीं करता , क्या करें आखिर कौम का सवाल है
नोट :- अगली पोस्ट में पढ़िए : पाकिस्तानियों की जीत पर भारत में जश्न मनाने वाले स्लीपर सेल के साथ कांग्रेस भी शामिल
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.