कभी दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी ने अहिंसा का नारा दिया था और अब वहां बसे हुए भारतीय समुदाय के लोग हथियार उठाकर हिंसा से अपनी रक्षा कर रहे हैं । दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के मुद्दे पर जिस तरह से दंगे फसाद चल रहे हैं उसे देखते हुए वहां भारतीय समुदाय के लोगों ने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए हथियार उठा लिए हैं। 


गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के कारोबारी गुप्ता बंधुओं से संबंध के बाद वहां खासतौर पर भारतीय समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। 

रिपोर्ट के अनुसार, दंगाइयों से जान-माल की सुरक्षा करने के लिए देश के कई स्थानों पर आवासीय समुदायों ने सशस्त्र समूह बना लिए हैं। कथित तौर पर डरबन शहर के कई हिस्सों में नागरिकों ने अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद ही उठाते हुए हथियारबंद ग्रुप्स का गठन किया है। दरअसल, पुलिस बल औऱ निजी सुरक्षा बल पहले से ही अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं। ऐसे नागरिकों ने व्यवसायों की सुरक्षा करने के लिए कानून को अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया है।

पुलिस ने बताया कि इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है और 200 से ज्‍यादा लोगों को अरेस्‍ट किया गया है। हर तरफ हिंसा के माहौल को देखते हुए गौटेंग और क्वाजुलू-नताल प्रांत में सेना को तैनात किया गया है ताकि दंगे को रोका जा सके। क्वाजुलू-नताल जुमा का गृह प्रांत है। जुमा 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे। उनके कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रहे एक न्यायिक आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं होने के बाद अदालत की अवमानना के मामले में जुमा इस समय एस्टकोर्ट करेक्शनल सेंटर में बंद हैं।

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