यूक्रेन-रूस के युद्ध के बीच में यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को एक तरफ जहां भारत सरकार ने जितनी जल्दी सही सलामत वहां से निकाल कर भारत पहुंचाया इसकी तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है. जहां कुछ छात्रों ने उनके परिवार वालों ने सरकार को धन्यवाद दिया वहीं कुछ ऐसी तस्वीर सामने आ रही है जिसे देख कर वाकई दुख होता है.

दरअसल दिल्ली एयरपोर्ट पर यूक्रेन से लौटे छात्रों का स्वागत करने के दौरान केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी से एक छात्र ने ही उनकी पहचान पूछ ली और फूल लेने से भी इनकार कर दिया. पहले तो उस छात्र ने रेड्डी से पूछा कि क्या आप भारत सरकार की ओर से हैं. और उनके हां सिर हिलाते ही छात्र ने फूल लेने से इनकार कर दिया. फिर थोड़ा आगे जाते ही छात्र ने मीडिया को देखा और दोबारा मुड़कर मंत्री जी से पूछा कि क्या आप मिनिस्टर हैं. किशन रेड्डी ने एक बार फिर हां कहा तो वो मंत्री जी की तरफ आते हुए कहने लगा कि मुझे आपसे बात करनी है लेकिन, सिक्योरिटी ने उसे रोक लिया और कहा कि मंत्री जी आप से बाद में बात करेंगे. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

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उन छात्रों में इतनी भी विनम्रता नहीं दिखी कि फूल लेना तो दूर कम से कम मुस्कुरा कर के धन्यवाद ही बोले देते. हां इनके हाथों में देश का तिरंगा जरूर दिखा लेकिन लगता है वो भी इसलिए क्योंकि तिरंगा ही यूक्रेन से भारत तक पहुंचा इन्हें पहुंचा सकता है.

देखा जाए तो आप किसी राजनीतिक दल से सहमत या असहमत हो सकते हैं. लेकिन यह आपके देश का अपमान है। जो लोग आपके बचाव कार्यों में लगे हुए है उनके प्रयासों की सराहना कीजिए ना कि अपमान । विदेशों में पढ़ाई कर आप महंगी डिग्रियां तो ले लेंगे लेकिन नैतिक मूल्य और विनम्रता शायद ही आप सिख सके

आज के भारतीय युवाओं को ये याद रखना होगा कि विदेशों में आपकी भारतीय सभ्यता और संस्कृति ही आपकी पहचान है जो आपको सबसे अलग बनाती है . यह वाकई चिंता का विषय है कि जब ये तस्वीर विदेशों में देखे जाएंगे तो भारत के बारे में क्या संदेश जाएगा ?

हमारे देश की सरकार आज अपने मंत्रियों के साथ मिलकर दिन रात एक कर के देश के छात्रों को यूक्रेन  से सुरक्षित वापस ला रही है लेकिन वहां से आने वाले लोग सरकार को भला बुरा कह रहे हैं। ये बहुत ही शर्मनाक है। ऐसे छात्रों को नैतिकता का पाठ पढ़ाना ही होगा .

 

 

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