एक तरफ जहां पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के जरिए कांग्रेस को किस तरह से एक-एक वोट के लिए मेहनत करना पड़ा रहा है ये किसी से छिपा नहीं है. लेकिन क्या करे जब अपने ही काम पर पलीता लगाने के लिए बैठे हो तो कांग्रेस कर भी क्या सकती है. दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की भूपेश बघेल आजकल कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. जी हां छत्तीसगढ़ में किसी पत्रकार ने बघेल सरकार के खिलाफ कुछ बोला या लिखा उसके लिए राज्य सरकार ने जेल में डालने का अभियान जारी रखा हुआ है। इसी के शिकार हुए हैं पॉलिटिकल व्यंग्य लिखने वाले पत्रकार नीलेश शर्मा .

दरअसल 3 मार्च को छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर के रहने वाले पत्रकार नीलेश शर्मा को उनके लोकप्रिय राजनीतिक व्यंग्य के लिए गिरफ्तार किया। उन पर छत्तीसगढ़ में सत्ता पर बैठी कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया गया है। बता दें आपको नीलेश शर्मा वेब पोर्टल indiawriters.co.in और प्रिंट पत्रिका ‘India Writers’ के संपादक हैं। वो ‘घुरवा के माटी’ के नाम से राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित एक सीरीज चलाते हैं। सीरीज में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं और विधायकों के काल्पनिक कैरेक्टर को दिखाया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ता खिलवान निषाद ने नीलेश शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करवाया है . कांग्रेस नेता का आरोप है कि पत्रकार ने राज्य के कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है . छत्तीसगढ़ पुलिस ने पत्रकार पर आईपीसी की धारा 504, 505, 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत FIR दर्ज की है। इधर नीलेश शर्मा के परिजनों का आरोप है कि जेल में उन्हें मुलाकात करने की अनुमति नहीं मिली और जब परिवार वालों ने इसका विरोध किया तो नीलेश शर्मा को 110 किलोमीटर दूर बिलासपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया.

साभार-ट्वीटर

कांग्रेस कार्यकर्ता का कहना है कि नीलेश शर्मा अपने शो ‘घुरवा के माटी’ के जरिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। एक बात और सामने आयी है कि इसी वेब पोर्टल ने काफी पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह प्रशासन के खिलाफ एक आलोचनात्मक सीरीज चलाई थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी सरकार की काफी आलोचना की गई थी। लेकिन उस समय तो कोई हो हल्ला नहीं हुआ. नीलेश शर्मा पर कई धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज होने पर भी कांग्रेस को चैन नहीं आया तो इसके बाद रायपुर पुलिस ने एक प्रेस रिलीज़ जारी किया जिसके मुताबिक नीलेश शर्मा ब्लैकमेलिंग और अश्लील वीडियो क्लिप्स शेयर करने में रुचि रखते हैं। इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोप लगाया कि नीलेश ने अवैध रूप से कॉल रिकॉर्ड जुटाए और इसके लिए सरकारी एजेंसियों से उगाही भी करते थे। लेकिन इसके समर्थन में पुलिस को कोई भी सबूत नहीं मिले हैं.

2018 में छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने वादा किया था कि पत्रकारों को उत्पीड़न से बचाने के लिए क़ानून लाया जाएगा. पिछले साल इस संबंध में एक विधेयक भी सामने आया था. लेकिन सरकार बनने के बाद शायद राज्य सरकार को ये याद नहीं रहा होगा. बड़ी अजीब विडंबना है अगर कोई तथाकथित पत्रकार देश के नाम पर पैसा बटोरता है, भारत सरकार की छवि को को गलत तरीके से पेश करता है , देश की कमियों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है तो उन्हें बड़े-बड़े अवार्ड से नवाजा जाता है, लेकिन अगर आपने कांग्रेसियों के बारे में कुछ सटायर लिख दिया तो आपको बेड़ियों में जकड़ लिया जाएगा. वैसे एक सटायर से कांग्रेसी नेता इतना डर गए हैं तो इसी से अंदाजा लगाइए क्या हाल है कांग्रेस का.

 

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