अफगानिस्तान में जब से तालिबान ने कब्जा किया है तभी से वहां से मुस्लिम शरणार्थी भाग रहे हैं ऐसे में उन मुस्लिम शरणार्थियों को शरण देने के लिए कोई भी इस्लामिक मुल्क सामने नहीं आ रहा है। बांग्लादेश पहले ही अफगानी शरणार्थियों को लेने से इंकार कर चुका है ऐसे में अब मुसलमानों का झंडा प्रधान बनने वाला तुर्की 295 किलोमीटर लंबी एक दीवार बना रहा है ताकि अफगान शरणार्थी उनके देश में शरण ना ले सकें, अब बड़ा सवाल उठता है कि आखिर तुर्की जो कि मुसलमानों का रहनुमा इसराइल-फ़लस्तीन युद्ध के दौरान बन रहा था वह अफगान शरणार्थियों को अपने यहां आने से क्यों रोक रहा है।


 तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने बताया कि ईरान की सीमा पर 150 किलोमीटर लंबी ट्रेंच का निर्माण किया जा चुका है। तुर्की ने ईरान की सीमा पर अफगान शरणार्थियों की घुसपैठ को रोकने के लिए नाइट विजन उपकरण के साथ ही बड़ी संख्या में सर्विलांस व्हीकल तैनात कर दिए हैं। इसे तुर्की का पाखंड ही कहा जाना चाहिए कि जब इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ा था तब तुर्की ने इजरायल द्वारा की जा रही गाजा पर बमबारी की आलोचना की थी। तुर्की ने फिलिस्तीनी मुसलमानों के मानवाधिकार के मुद्दे को वैश्विक स्तर पर जोर शोर से उठाया था। लेकिन यही तुर्की अब अफगान शरणार्थियों को अपने देश में घुसने से रोकने के लिए अपनी सीमा पर दीवार बना रहा है।


अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से ही अफगानिस्तान के तमाम संपन्न लोग जो पश्चिमी देशों की आधुनिकता को पसंद करते रहे हैं वह वहां से पलायन कर रहे हैं सोशल मीडिया पर उन सभी के वीडियो वायरल हो रहे हैं मगर दुनिया में मौजूद 57 इस्लामी मुल्कों में से कोई भी मुल्क उन मुसलमानों को शरण देने के लिए आगे नहीं आ रहा है।

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