कांग्रेस नेता उदित राज ने इस्लाम में महिलाओं की स्थिति को लेकर एक ट्वीट किया और फिर उसके बाद तमाम कट्टरपंथी तबका उदित राज के पीछे पड़ गया और उन्हें फेसबुक ट्विटर पर गंदी गालियों से नवाजने लगा। उदित राज ने सामान्य भाषा में इस्लाम में महिलाओं की स्थिति पर लिखा था कि तालिबान महिलाओं का शोषण करें क्या यही इस्लाम है? उदित राज ने एक बार फिर तालिबान के बहाने इस्लाम की बात की। उन्होंने ट्वीट करके कहा:
“तालिबानी महिलाओं का शोषण करें, बुर्का में कैद और ड्रग बेचकर पैसा कमाएँ, क्या यही इस्लाम है?”
इस ट्वीट के रिएक्शन में उदित राज को कट्टरपंथी मुस्लिम गालियाँ दे रहे थे। गालियाँ फिर भी ऐसी नहीं थीं, जिसे पचाया नहीं जा सके लेकिन… उदित राज पचा नहीं पाए। एक और ट्वीट कर दिया।
उदित राज के इस ट्वीट पर कट्टरपंथी लोगों ने उन्हें भरपूर गालियां देनी शुरू कर दी क्योंकि कुछ लोग ऐसे हैं जो इस्लाम की कमियों को स्वीकार नहीं करते हैं … जब बात हिंदू धर्म की आती है तो यही लोग ‘भीम और मीम’ का झंडा उठाकर सनातन धर्म के खिलाफ आवाज मुकम्मल करते हैं..
जबकि इस्लाम की कमियों को स्वीकार अगर कर लिया जाए तो मजहब में काफी सुधार किया जा सकता है मगर जब भी उदित राज जैसे लोग कुछ कमियों के बारे में बोलते हैं तो हर बार उन्हें गालियां सुननी पड़ती है। यही अगर उदित राज सनातन धर्म की किसी प्रथा के खिलाफ बोलते हैं तो यही लोग ही ही ही करते हुए रियेक्ट करने आ जाते हैं..
ये जितने भी फैजान, शाहनवाज, दानिश हैं ये सब भीम-मीम का झंडा बुलंद करते हैं, जबकि जब कभी कोई शांतिदूत किसी दलित के साथ अन्याय करता है तो ये महज मजहबी बनकर अपने दीन की कट्टरता में समा जाते हैं, इन कट्टर पैबस्त मजहबी भीड़ की कलई तब खुलती है जब उदितराज जैसे लोग एकाध सही बात कहते हैं और ये लोग बकरी-टोपी-पजामा लेकर उसपर चढ़ जाते हैं।
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