कट्टरपंथी तालिबान लगातार अमन और इंसानियत के खिलाफ खून खराबे का खेल चला रहा है। मजहब के नाम पर कितने करोड़ों कत्ल कर दिए गए और आगे न जाने कितने कत्ल किए जाएंगे। अफगानिस्तान में तालिबान लगातार आक्रमक हो रहा है। टोलो न्यूज़ के हवाले से बताया गया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रसिद्ध कवि और इतिहासकार अब्दुल्ला आतिफी की हत्या कर दी है। अब्दुल्ला की हत्या 4 अगस्त को उरुजगन प्रदेश के चोरा जिले में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई है। 


गौरतलब है कि तालिबान की हिंसक नीति अफगानिस्तान के जाने-माने लोगों को भी नहीं छोड़ रही है। पिछले ही हफ्ते तालिबान ने मशहूर अफगान कॉमेडियन की हत्या कर दी थी। तालिबान ने 22 जुलाई को कॉमेडियन नज़र मोहम्मद उर्फ़ खाशा ज़्वान को घर से बाहर निकालकर मार डाला था।

तालिबान जिस तरह से क्रूरता और हिंसा के हाथों से मनुष्यता का बर्बर कत्ल कर रहा है उसे देखते हुए सवाल पूछा जाना चाहिए कि जिस मजहब के कायदों को अमल में लाने के लिए ये कत्लेआम किए जा रहे हैं आखिर फिर उसे किस मुंह से peace of religion कह दिया जाता है।

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