तमिलनाडु में जबसे एमके. स्टालिन की सरकार बनी है तभी से बहुसंख्यक हिंदू आबादी के धर्म संस्कार रीति रिवाज पर सीधा हमला किया जा रहा है। तमिलनाडु सरकार ने कोयंबटूर में 7 हिंदू मंदिरों को अपने सरकारी बुलडोजर से तुड़वा दिया। 


बड़ा सवाल यह उठता है कि पूरे तमिलनाडु में अवैध चर्चों का जाल फैला हुआ है ऐसे में encroachment के नाम पर सरकारी बुलडोजर सिर्फ हिंदू मंदिरों पर ही क्यों चलते हैं? इससे पहले भी तमिलनाडु सरकार मंदिरों को तोड़ चुकी है। हिंदू मुन्नानी के कार्यकर्ताओं ने सरकार की इस हरकत के चलते विरोध प्रदर्शन किया जिसमें पुलिस ने संगठन के 240 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। तमिलनाडु में दो हजार के करीब कैथोलिक चर्च हैं जिसमें से कई सारे चर्च सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाए गए हैं, सरकारी बुलडोजर का पहिया उन चर्च की तरफ क्यों नहीं घूमता है?

विश्व हिंदू परिषद ने तमिलनाडु सरकार की इस कार्यवाही पर कहा है कि वह प्रदेश में इसके विरोध में प्रदर्शन करेगी विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि जब से स्टालिन की सरकार बनी है तभी से तमिलनाडु में प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी के हितों को लगातार कुचलने का काम किया जा रहा है।


हैरानी की बात है कि तमिलनाडु जो कि प्राचीन मंदिरों की भूमि है वहां इस तरीके से बुलडोजर के जरिए मंदिरों को धराशाई किया जा रहा है और इस मुद्दे पर तमाम मीडिया चुप्पी की टेप मुंह पर लगाए हुए हैं। आखिर क्यों देश के तमाम मीडिया हाउस तमिलनाडु में इस तरीके से मंदिरों को तोड़े जाने पर खबर नहीं दिखाते हैं ? क्यों मस्जिद की ईंट हिल जाना खबर है और 7 मंदिरों का टूट जाना किसी भी अखबार में कॉलम की खबर भी नहीं है।

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