आज से चार वर्ष पहले जब अचानक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी ने नोटबंदी की घोषणा कर दी थी तो सालों तक भ्र्ष्टाचार और बेईमानी से जमा किया हुआ सारा काला धन अपने घर दफ्तर बैंकों तिजोरियों में भरकर छिपाकर बैठे थे वे सब और उनके साथ बिना सोचे समझे विरोध करने के लिए विरोध करने की आदत का मारा हुआ सारा विपक्ष एक अलग ही नकारात्मक वातावरण खड़ा करने में लग गया था।

उस समय उन्हें ये अंदाज़ा भी नहीं हुआ था कि असल में ये तो सरकार द्वारा सारे लेन देन को पारदर्शी और कराधान की प्रक्रिया के तहत उठाया जाने वाला एक छोटा सा पहला कदम था। आज एटीएम से बाहर निकलने वाला सबसे बड़ा नोट 500 का है और यदि सरकार अपनी योजना पर चलती रही तो वो सिर्फ 100 रूपए हो कर रह जाएगा।

एक पांच रूपए के शैम्पू के पाउच से लेकर लाखों रूपए की सारी खरीददारी और व्यापार तक एकदम तीव्र और सुरक्षित हो गया है वो भी सरकार और राजकोष को पूरा लाभ पहुँचाते हुए -सिर्फ छोटे छोटे एप्स द्वारा बैंक खातों और खाता धारकों को जोड़कर। और दूसरा लाभ ये कि तमाम छद्म कंपनियां , नकली व्यापारी , कर चुराने वाले व्यावसायी सब के सब क़ानून की गिरफ्त में आते चले गए।

आज केंद्र कर जाँच एजेंसी के अधिकारियों ने दिल्ली के सीमान्त क्षेत्र में एक ऎसी कंपनी को पकड़ा जो न सिर्फ अवैध रूप से बिना किसी लाइसेंस , फैक्ट्री के किसी भी नियम और मानकों का पालन करते हुए गुटखा निर्माण कर रही थी बल्कि पिछले कुछ समय में सरकार को 830 करोड़ रूपए का चूना ,करों की चोरी करके लगा भी चुकी थी।

जांच एजेंसियों ने जब यहां पर छापा मारा तो कुल 14 गुटखा बनाने वाली औद्योगिक इकाई तथा 65 श्रमिक भी काम करते हुए मिले। परिसर में जांच के दौरान बहुत सारा कच्चा माल ,सुपाड़ी ,तम्बाखू आदि भी बरामद किया गया। वहां उपस्थित प्रमुख प्रबंधक को जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया है और आगे की तफ्तीश अभी जारी है।

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