सरकार की तरफ से फ़ौज में भर्ती के लिए लॉन्च की गई अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह से बवाल बढ़ता जा रहा है उसे देखकर साफ कहा जा सकता है कि अब सरकार से अपनी बातें मनवाने के लिए आंदोलनकारी ना तो सड़कों पर बैठेंगे, ना ही भूख हड़ताल करेंगे और ना ही किसी तरह का विरोध प्रदर्शन . अब इनका एकमात्र हथियार है हिंसा. कहीं ट्रेन की बोगी जला दी गयी है. कहीं पर लोग पटरियां उखाड़ रहे हैं. कहीं पुलिस पर पथराव हो रहा है. कहीं रोडवेज की बसों के शीशे फोड़े जा रहे हैं. प्रदर्शनकारी विरोध के नाम पर देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. और ये बवाल सिर्फ इसलिए हो रहा है ताकि देश की सुरक्षा के लिए की जाने वाले नौकरी के लिए सरकार को झुकाया जा सके. दरअसल अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह से अफवाह फैलाया जा रहा है, युवाओं को भ्रम में रखा जा रहा है वो कहीं से भी सही नहीं है.

देश में आज भी कुछ ऐसे कथित बुद्धिजीवी हैं जो देश की तरक्की और प्रगति से खुश नहीं होते. उनका काम ही है देश में आग लगाना, देशवासियों को बहकाना और फिर देश को हिंसा की आग में झोंक देना. वो है इस देश का वामपंथी मीडिया और उसके चहेते कथित पत्रकार. इस मामले में भी इन्होंने ऐसा ही किया. ट्विटर पर सरकार और इस योजना के खिलाफ किस तरह से हंगामा करने वालों को और उकसाया जा सकता है इनके ट्वीट देखकर आप समझ सकते हैं.

इन ट्वीट को देख कर आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे वामपंथियों का खेमा पूरी तरह से सरकार के खिलाफ युवाओं को भड़काने का काम कर रहा है. एक तरफ सोशल मीडिया पर सरकार की तरफ से बताने की कोशिश की जा रही है इस नयी योजना के तहत किसी भी हाल में युवाओं का भविष्य दाव पर नही है तो वहीं दूसरी तरफ ये कथित बुद्धिजीवि वर्ग अपना ज्ञान बांट कर देश में अफवाह फैलाने का काम कर रहा है.

दरअसल जैसे ही सरकार ने सेना भर्ती के लिए नई योजना का एलान किया ये सभी इस योजना का अंधविरोध में जुट गए. इसके बाद क्या दिल्ली, क्या बिहार और क्या उत्तर प्रदेश हर जगह उपद्रवियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। लेकिन इन विरोध करने वालों से अगर पुछिए कि आप क्यों विरोध कर रहे हैं तो सबकी बत्ती गुल हो जाएगी. क्योंकि इसका जवाब किसी के पास है ही नहीं सभी भेड़िया चाल चले जा रहे हैं. और ये जवाब देंगे भी क्यों इनकी रोजी-रोटी के लाले जो पड़ जाएंगे ! इसी बीच कई महानुभावों ने अब इस मामले को लेकर विक्टिम कार्ड भी खेलना शुरू कर दिया है .

दरअसल तीन दिनों से जिस तरह से विरोध के नाम पर हिंसा का रास्ता अपनाकर  सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है वैसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरुरत है. क्योंकि हर बार विरोध के नाम पर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को आग के हवाले कर दिया जाता है वो बिल्कुल सही नहीं है. इसलिए इन आग लगाने वाले वामपंथियों के बहकावे में मत आइए, बल्कि ‘अग्निवीर’ बन राष्ट्र की सेवा के लिए आगे बढिए .

अग्निपथ योजना से जुड़ें भ्रम और अफवाह को दूर करने का दायित्व केवल सरकार का नहीं, बल्कि देश के नागरिकों का भी है.

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