कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुई त्रासदी पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को देश भर में दर्शकों का जबरदस्त प्यार मिल रहा है। इतिहास के पन्नों में दर्ज 1990 में कश्मीर में हुए हिंदुओं के नरसंहार की घटना को निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने बखूबी पर्दे पर उतारा है. फिल्म की रिलीज के बाद कोई ऐसा दिन नहीं जब सोशल मीडिया पर फिल्म देखने के बाद लोगों की आंखें नम ना हुई हो. इस फिल्म में कश्मीरी हिंदुओं पर इस्लामिक आतंकवाद की बर्बरता की ऐसी सैंकड़ो कहानियां आपको दिखेगी जिन्हें देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. फिल्म को मिल रहे जबरदस्त रिसपॉन्स के बाद हरियाणा सरकार, गुजरात और मध्यप्रदेश की सरकार ने फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया. वहीं दूसरी तरफ ध्यान देने वाली बात है कि इस बेजोड़ फिल्म की सफलता देख कर लिबरल बिलबिला उठे हैं.
दरअसल फिल्म रिलीज होने से पहले ही वामपंथियों ने फिल्म रोकने के लिए कई रोड़े अटकाएं आपको जानकर हैरानी होगी जिस बॉलीवुंड में फिल्में हजारों स्कीन पर रिलीज होती है वहां कश्मीर फाइल्स को सिर्फ 700 स्क्रीन पर रिलीज किया गया, बावजूद इसके कश्मीरी पंडितों पर हुए हिंसा की सच्चाई सामने आ ही गई, दरअसल फिल्म को रोकने के लिए हर रोज नये-नये पैंतरों का इस्तेमाल किया गया. लेकिन जिस सच्चाई को छिपाने की कोशिश की गई वो सामने आ ही गया .
इसी कड़ी में हर बार हिंदुओं को लेकर प्रोपेगेंडा फैलानी वाली तथाकथित हिंदु विरोधी पत्रकार राणा अयूब अब ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जहर घोलने की कोशिश कर रही है. दरअसल जिस तरह से कश्मीर फाइल्स देखने के बाद दर्शक भारत माता की जय के नारे लग रहे है उसे सुनने के बाद मोहतरमा कैसे चुप रह जाती . राणा अयूब ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है कि ‘’सिनेमाघरों में मुस्लिम विरोधी नफरत राजनीतिक आतंकवादियों द्वारा नहीं है। यह नियमित बहुमत से है। फिल्म को टैक्स फ्री घोषित किए जाने की एक वजह है, निर्देशक प्रधानमंत्री के साथ फोटो सेशन करा रहे हैंऔर कुछ बीमार उदारवादी मुसलमानों को फासीवाद को हराने का उपदेश देंगे’’
ये यहीं नहीं रुकी इन्होंने अपने लिखी किताब Gujarat Files की कवर शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि “गुजरात फाइल्स का कवर शेयर कर रही हूं। सत्ता में बैठे लोगों के लिए एक अनुस्मारक, इस नरसंहार को भुलाया नहीं जाएगा, खून आप पर है सर। यदि आपने पुस्तक पढ़ ली है, तो ‘स्मृति इन द एज ऑफ एम्नेशिया’ का समर्थन करने के लिए अपना कवर यहां साझा करें।”
वहीं जब किसी ने ट्वीट कर राणा अयूब से कहा कि वो गुजरात फाइल्स पर फिल्म बनाये फंडिंग के लिए ऑनलाइन अभियान चलाया जाएगा. जिसका जवाब देते हुए राणा अयूब ने लिखा है कि ‘फिल्म शूट हो रही है’
इतने से ही समझ जाइए कि किस हद तक मोहतरमा के मन में हिंदुओं के लिए जहर घुला हुआ है, जाहिर है अब तक कश्मीर के उपर जितनी भी फिल्में बनी है किसी ने भी कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को नहीं दिखाया. लेकिन अब जब विवेक अग्निहोत्री और उनकी टीम ने सालों बाद कश्मीरी पंडितों के जख्म उनके दर्द को दिखाया तो कुछ लोगों को मिर्ची लगनी तो तय ही थी. उन्ही में से एक हैं राणा अयूब, दरअसल ये उन लोगों में शामिल हैं जो जब तक ज्ञान की उल्टी गंगा न बहा लें, तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता .
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